एतिहासिक दृष्टि से अयोध्या विश्वफलक पर आच्छादितः कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल

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एतिहासिक दृष्टि से अयोध्या विश्वफलक पर आच्छादितः कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन सभागार में गुरूवार को अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ, उत्तर प्रदेश की अपर मुख्य सचिव श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने श्रीराम शोध पीठ में चल रहे शोध कार्यों की समीक्षा करते हुए बताया कि अयोध्या अंतरराष्ट्रीय सिटी बन गई है। अयोध्या के इतिहास और श्रीराम के व्यक्तित्व और उनके कृतित्व पर गूढ़ शोध करने की जरूरत है।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय के श्रीराम शोध-पीठ को अंतरराष्ट्रीय शोध संकलन के रूप में विकसित किया जाए। भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित भाषाओं में हिंदी, संस्कृत, अवधि एवं भोजपुरी को शामिल करते हुए शोध संबंधी डॉक्यूमेंटेशन तैयार करने की आवश्यकता है।

बैठक में मोनिका एस गर्ग ने श्रीराम के जीवन दर्शन से जुड़ी हुई शोध गतिविधियों, जैन शोध-पीठ द्वारा संपन्न हुई शोध के अतिरिक्त अन्य बिन्दुओं पर विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों से संवाद कर उन्हें शोध करने हेतु प्रोत्साहित किया।

बैठक में कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कोरिया के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर विस्तृत चर्चा करते हुए बताया कि एतिहासिक एवं धार्मिक दृष्टि से अयोध्या विश्वफलक पर आच्छादित है। वर्तमान में प्रभु श्रीराम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर और विस्तृत शोध करने की जरूरत है।

कुलपति ने विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों से कहा कि एतिहासिक दृष्टि से अयोध्या के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर अभियान चलाकर डॉक्यूमेंटेशन संपन्न कराया जाये। आगामी 4 महीने में अपने रूचि के क्षेत्र से संबंधित शोध-परक पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन कर शोध की अद्यतन स्थिति संपादित करें जिससे आगे शोध कार्य करने में आसानी होगी। बैठक में इतिहास एवं सस्कृति एवं पुरातत्व विभागाध्यक्ष प्रो0 अजय प्रताप सिंह, डॉ0 राजेश सिंह, डॉ0 दिवाकर तिवारी, डाॅ0 डीएन वर्मा, डॉ0 संजय चैधरी, डॉ0 अवध नारायण, डॉ0 सुरेंद्र मिश्र सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।


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