हिन्दी सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बांधती हैः प्रो0 नीलम तिवारी

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हिन्दी सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बांधती हैः प्रो0 नीलम तिवारी
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अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय हिंदी भाषा एवम प्रयोजनमूलक विभाग में हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में हिंदी की भूमिका विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता गणपत सहाय पी जी कॉलेज, सुल्तानपुर, विभागाध्यक्ष प्रो0 नीलम तिवारी ने कहा किसी भी राष्ट्र को सशक्त बनाना हो तो वहां की राष्ट्र भाषा का सशक्त होना जरूरी है। हिंदी हमारे देश की संस्कृति और संस्कार का प्रतिनिधित्व करती है। हिंदी सरल, सहज सुगम होने के साथ साथ सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बांधती है ।

साथ ही साथ उन्होंने ये भी कहा की जिस देश का राष्ट्र पशु, राष्ट्र पक्षी, राष्ट्र फल है परंतु उस देश की राष्ट्र भाषा नही है यदि हम हिंदी में अन्य बोलियों को समाहित करते है तो हिंदी भी राष्ट्र भाषा का रूप ले लेती है। साथ ही उन्होंने यह भी अवगत कराया की हिंदी दिवस केवल एक दिवस का कार्यक्रम नही है ।हिंदी में हमे वाचन, लेखन एवम आंचलिक बोलियों को सम्मिलित कर समृद्ध बनाना चाहिए।

हिंदी की पहचान उसकी संवेदना है। इस व्यवसायीकरण के युग में हिंदी को गणित की भाषा न बनाकर संवेदना की भाषा बनना है। साथ ही साथ उन्होंने राष्ट्रभाषा एवम राजभाषा के अभिप्राय को भी समझाया। उन्होंने कहा की देश तो आजाद हो गया है किंतु हमें अंग्रेजी भाषा से आजादी अभी भी नहीं मिली है। उन्होंने महत्मा गांधी, विनोबा भावे, मैथिलीशरण गुप्त, डॉ राजेंद्र प्रसाद आदि के विचारों से छात्रों को अवगत कराया। गांधी जी ने कहा था राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है। डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने भी कहा था कि हिंदी भाषा और हिंदी साहित्य को सर्वांगसुंदर बनाना हमारा कर्तव्य है।

हिंदी भाषा के समन्वयक डॉ सुरेंद्र मिश्र ने स्वागत उद्बोधन किया तथा हिंदी भाषा के गौरव एवम सम्मान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन छात्र दिग्विजय एवम आकाश मिश्र ने किया। इस अवसर पर हिंदी भाषा की सहायक आचार्य डॉ सुमन लाल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इस अवसर पर डॉ प्रत्याशा मिश्र, डॉ स्वाति सिंह, डॉ प्रतिभा त्रिपाठी डॉ सरिता एवम आनंद, छात्र सलिल, पूजा, श्रेय, काजल, शुभम श्रीकांत, शिवानी आदि मौजूद रही।

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