अवध विवि में विधिक सेवा दिवस मनाया गया, निःशुल्क विधिक सहायता देना एक संवैधानिक कर्तव्यः प्रो0 राय

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अवध विवि में विधिक सेवा दिवस मनाया गया, निःशुल्क विधिक सहायता देना एक संवैधानिक कर्तव्यः प्रो0 राय
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अयोध्या। विधि विभाग, डॉ० राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं साकेत महाविद्यालय के विधि विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं शासन के मंशा के अनुरूप विधिक सेवा दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बोलते हुए विधि संकायाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार राय ने बताया कि न्याय तक सर्वसाधारण की सहज पहुँच सुनिश्चित हो इसके लिए जरूरतमंदो को निःशुल्क विधिक सहायता देना एक संवैधानिक कर्तव्य है, यह कर्तव्य राज्य के साथ-साथ नागरिको का भी है।

निःशुल्क विधिक सहायता विधिक सेवा का भाग है। यह वर्तमान में मूल अधिकार है। सिर्फ निःशुल्क विधिक सेवा से अपेक्षित परिणाम नहीं प्राप्त किए सकते जब तक यह व्यथित व्यक्ति के व्यथा निवारण में सक्षम नहीं हो द्य निःशुल्क एवं सक्षम विधिक सहायता से सर्वसाधारण तक न्याय की पहुँच सुनिश्चित की जा सकती है। इसके लिए सक्षम लोगों को सेवा के लिए स्वयं को प्रस्तुत करना होगा। सक्षम लोगों का कर्त्तव्यबोध अपेक्षित उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा।इस परिप्रेक्ष्य में जनजागरुकता पूर्ण कार्यक्रमों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ०अजय कुमार सिंह ने विधिक सेवा के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहा कि विधिक सेवा के अंतर्गत विधिक परामर्श भी सम्मिलित है, विधि प्राध्यापकों एवं छात्रों के माध्यम से निःशुल्क विधिक सहायता सहज रूप से उपलब्ध कराई जा सकती है।संविधान की प्रस्तावना में न्याय शब्द का उल्लेख किया गया है, यह तभी मूर्त रूप ले सकेगा जब साधनहीन व्यक्तियों को न्याय प्राप्त करने का समान अवसर उपलब्ध हो। डॉ० शशि कुमार ने विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए जनहित वाद को निःशुल्क विधिक सहायता का एक आयाम बताया।

उन्होंने कहा कि न्यायिक सक्रियता के माध्यम से न्यायपालिका वंचितों के अधिकारों को सरंक्षण प्रदान करती है। डॉ०सन्तोष पाण्डेय ने कहा कि न्याय के बिना स्वतन्त्रता का कोई अर्थ नहीं है। स्वतंत्रता प्राप्ति के दशकों उपरांत सर्वसाधारण को न्याय प्राप्ति का समान अवसर न मिल पाना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रत्येक नागरिक को इस चुनौती से निपटने के लिए अपनी क्षमता अनुरूप कार्य योजना बनानी चाहिए। डॉ०विवेक ने विभिन्न न्यायिक निर्णयों के उल्लेख करते हुए विधिक सेवा दिवस की उपादेयता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ० वन्दना गुप्ता ने किया। इस कार्यक्रम में दिलीप शुक्ला सहित विधि विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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