पवित्र अयोध्या की भूमि बौद्धिक सभ्यता एवं संस्कृति की विरासतः डाॅ0 अफरोज अहमद
विवि के 28 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली के सदस्य डाॅ0 अफरोज अहमद ने कहा कि मर्यादा...
विवि के 28 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली के सदस्य डाॅ0 अफरोज अहमद ने कहा कि मर्यादा...
विवि के 28 वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली के सदस्य डाॅ0 अफरोज अहमद ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम कण-कण में बसते हैं। भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, सामाजिक, बौद्धिक सभ्यता की विरासत के साथ यह पवित्र भूमि अयोध्या मेरे सहित अनगिनत व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक रही है। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में एक छात्र के रूप में, मुझे शैक्षणिक क्षेत्र से परे अपने ज्ञान क्षितिज के विस्तार का अनुभव करने का सौभाग्य मिला। प्रभु श्री राम के मूल्यों और सिद्धांतों में गहराई से निहित विश्वविद्यालय के लोकाचार ने मुझमें समाज के प्रति कर्तव्य की गहरी भावना पैदा की। उन्होंने कहा कि अयोध्या धार्मिक महत्व के साथ-साथ हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, हमारी सामूहिक चेतना का प्रमाण है।
प्रभु श्री राम की शिक्षाओं ने पर्यावरण वैज्ञानिक, नौकरशाही और न्यायपालिका में मेरे करियर के प्रति मेरे दृष्टिकोण को आकार दिया है। लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालने की मेरी खोज में उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया है। समारोह में उन्होंने कहा कि अयोध्या जिसे कौशल राज्य के नाम से पुरातन समय में जाना जाता था। इसी स्थान पर पवित्र ग्रन्थ ‘रामायण‘ की रचना महर्षि वाल्मीकि द्वारा की गई। यह शहर पवित्र सरयू नदी के किनारे बसा है।
वास्तव में घाघरा नदी अयोध्या में सरयू के नाम से जानी जाती है। घाघरा नदी मानसरोवर (तिब्बत) से निकलती है और ‘मापचा संगपा‘ के नाम से जानी जाती है। हिमालय से निकलकर नेपाल के रास्ते शिवालिक की वादियों से होकर नेपाल में पहुँचकर यह ‘‘करनाली‘‘ के रूप में जानी जाती है। ‘‘करनाली‘‘ नदी दो शाखाओं ‘कौरियाला एवं गेरुआ‘ में बंट जाती है और भारत के खूबसूरत तराई क्षेत्र में कतरनिया घाट के पास पहुँचकर ‘घाघरा‘ हो जाती है एवं प्रभु श्री राम के चरणों में ‘सरयू‘ हो जाती है।
मुख्य अतिथि ने कहा कि अयोध्या सिर्फ एक शहर नहीं है बल्कि यह एतिहासिक, सांस्कृतिक एवं हमारे मूल्यों, परंपराओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह हमारे स्वर्णिम अतीत का एक प्रमाण है। प्रभु श्री राम की आध्यात्मिक दिव्य जीवन शैली है जो अभी भी मुझे स्पष्ट विजन और दृढ़ विश्वास के साथ पर्यावरण एवं मानवता की बेहतरी के लिए काम करने की यात्रा में मार्गदर्शन करती हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या एक महत्वाकांक्षी समृद्ध वैश्विक शहर है। उनके नेतृत्व ने राज्य में गवर्नेस के बेहतरी के लिए एवं सामाजिक न्याय की तरफ बदल दिया है। वह विकास के साथ अपने दृष्टिकोण में संस्कृति और प्रकृति परिप्रेक्ष्य को एकीकृत कर रहे हैं। समारोह में डाॅ0 अफरोज ने उपाधिधारकों से कहा कि अनुभव हमें आकार देते हैं, हमारी शिक्षा हमें सशक्त बनाती है और हमारा जुनून हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा निरंतर देता है। हम संकल्प ले एक बेहतर दुनिया, जो सभी को स्वीकार हो, के निर्माण में योगदान देने के लिए आगे बढ़ेंगे।