बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर हैः कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल
दोनों संस्थानों के मध्य शोध व शैक्षिक गतिविधियां संचालित होगीः कुलपति प्रो0 सच्चिदानन्द शुक्ल अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय...
दोनों संस्थानों के मध्य शोध व शैक्षिक गतिविधियां संचालित होगीः कुलपति प्रो0 सच्चिदानन्द शुक्ल अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय...
दोनों संस्थानों के मध्य शोध व शैक्षिक गतिविधियां संचालित होगीः कुलपति प्रो0 सच्चिदानन्द शुक्ल
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय एवं पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर, छत्तीससगढ़ के संयुक्त संयोजन में बुधवार को इम्पाॅवरिंग इनोवेशनः प्रोटोटाइप/प्रोसेस डिजाईन एण्ड डेवलपमेंट वर्कशाप विथ ए फोकस आॅन एल्डरली केयर रिमांडर सिस्टम विषय दो दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अविवि की कुलपति प्रो० प्रतिभा गोयल ने कहा कि बुजुर्गों की देखभाल में प्रोटोटाइप डिजाइन मदद कर सकता है। इसमें दोनों संस्थानों को हार्डवेयर की दिशा में कार्य करना होगा।
कुलपति ने कहा कि बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर हैं। समाज को उनके अनुभवों से लाभ उठाना चाहिए। उनके इस अनुभव से हम सभी लाभान्वित हो सकते है। कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अनुभूति एक प्रयास के तहत बुजुर्गों की देखभाल के लिए दो वृद्धाश्रम गोद लिए हुए है। यहां के विद्यार्थियों ने उन बुजुर्गों से मिलकर अपनेपन का एहसास कराया है। इससे छात्रों में सामाजिक, नैतिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों का अहसास भी हो रहा है। कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने सामाजिक शोध एवं कोर्स के हिस्से से जोड़कर विद्यार्थियों को बुजुर्गों से रिश्ता जोड़ा है। अंत में कुलपति ने इस आयोजन के लिए दोनों संस्थानों को बधाई दी और आगे कहा कि बुजुर्गों की देखभाल के लिए प्रोटोटाइप डिजाईन दिशा में कार्य करने की जरूरत है।
वर्कशाप में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० सच्चिदानन्द शुक्ल ने कहा कि दो दिवसीय वर्कशाप शोधार्थियों व अन्य के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 गोयलकी मौजूदगी में इससे पहले एमओयू किया गया था। दोनों संस्थानों के मध्य शोध एवं अन्य शैक्षिक गतिविधियों संचालित की जायेगी। उन्होंने बताया कि रविशंकर विवि में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल का गठन किया गया है। इसमें विद्यार्थियों को जोड़ने का कार्य किया जा रहा। बुजुर्गों की सही देखभाल हो सके इसके लिए प्रोटोटाइप हार्डवेयर पर कार्य किया जायेगा। कार्यक्रम में शुक्ल विश्वविद्यालय के डॉ० दुर्गा प्रसाद तिवारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम की समन्वयक डॉ० कविता ठाकुर एवं अवध विश्वविद्यालय की कार्यक्रम समन्वयक भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग की डॉ० गीतिका श्रीवास्तव ने स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ० दीपेन्द्र सिंह द्वारा की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में अविवि के भौतिकी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० गंगा राम मिश्र का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं शोधार्थी मौजदू रहे।