अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप ही पयर्टकों में छवि प्रस्तुत करनी होगीः प्रो0 लवकुश मिश्रा

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अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप ही पयर्टकों में छवि प्रस्तुत करनी होगीः प्रो0 लवकुश मिश्रा

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबन्ध एवं उद्यमिता विभाग में एमबीए टूरिज्म मैनेजमेंट के छात्रों के लिये अयोध्या के सांस्कृतिक विरासत के संयोजन में पर्यटन के छात्रों की भूमिका विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान में मुख्यवक्ता डॉ0 भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के टूरिज्म एवं होटल मैनेजमेंट संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो0 लवकुश मिश्रा रहे। उन्होंने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के घरेलू पर्यटक भारी मात्रा में अयोध्या आ रहे हैं। इसमें पर्यटन के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पर्यटक के मन के अनुरूप ही अयोध्या की छवि प्रस्तुत करनी होगी। अयोध्या की अपनी प्रसिद्ध सांस्कृतिक विरासत रही है। इसे बनाये रखने में पर्यटन के विद्यार्थियों के साथ साथ अयोध्या के मूलनिवासी, पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों की महती भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या का पर्यटन अल्पकालिक न होकर लंबे समय तक रहने वाला है। दीर्घकालिक लाभ यदि लेना है तो अयोध्या की अच्छी छवि प्रस्तुत करनी होगी। अयोध्या के पर्यटन को बढ़ावा मिलना चाहिए। जिससे यहां रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के साथ लोगों की आय में वृद्धि हो सके।

कार्यक्रम में व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभागाध्यक्ष प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि अयोध्या में पर्यटकों की बढ़ती संख्या से रोजगार के अवसर बढ़ेगें। इसमें पर्यटन के छात्र छात्राओं की अग्रणी भूमिका होगी। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ0 महेन्द्र पाल सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो0 शैलेन्द्र वर्मा, डॉ0 राना रोहित सिंह, डॉ0 अंशुमान पाठक, डॉ0 आशीष पटेल, डॉ0 प्रियंका सिंह, डॉ0 रामजी सिंह, डॉ0 राकेश कुमार, डॉ0 दीपा सिंह, डॉ0 निमिष मिश्रा, डॉ0 आशुतोष पांडेय, डॉ0 श्रीष अस्थाना, डाॅ0 रामजीत सिंह यादव, डॉ0 प्रवीण राय, डॉ0 कपिल देव, डॉ0 रविन्द्र भारद्वाज, डॉ0 विवेक उपाध्याय सहित अन्य शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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