सीता अशोक एक औषधीय वृ़क्षः कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल
कई बीमारियों में कारगर सीता अशोकः डाॅ0 तेजश्विनी अनंत कुमार अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी परिसर में अदम्य चेतना बेंगलुरु...
कई बीमारियों में कारगर सीता अशोकः डाॅ0 तेजश्विनी अनंत कुमार अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी परिसर में अदम्य चेतना बेंगलुरु...
कई बीमारियों में कारगर सीता अशोकः डाॅ0 तेजश्विनी अनंत कुमार
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी परिसर में अदम्य चेतना बेंगलुरु व विवि के संयुक्त संयोजन में सस्याग्रह के अन्तर्गत सोमवार को दोपहर में सीता अशोक का पौधरोपण किया गया। विवि की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल व अदम्य चेतना की अध्यक्ष डाॅ0 तेजश्विनी अनंत कुमार व अंनत कुमार प्रतिष्ठान के अध्यक्ष व उड़ीसा केन्द्रीय विश्वविद्यालय कुलाधिपति प्रो0 पीबी कृष्णन माथुर ने परिसर में सीता अशोक के पौधों का रोपण किया। कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि वर्तमान में पर्यावरण को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सभी की है। इसके लिए युवाओं को पर्यावरण के प्रति जागरूकता करना होगा। उन्होंने परिसर में सीता अशोक के पौधरोपण पर कहा कि यह एक औषधीय पेड़ है। रामायण में भी इसके एक पवित्र सुंदर वृक्ष के रूप में वर्णन है। इस औषधीय पौधे को सभी को जरूर लगाने चाहिए। इससे धरती माँ की सेवा भी होगी और पर्यावरण को भी सुरक्षित कर सकेंगे।
अदम्य चेतना की अध्यक्ष डाॅ0 तेजश्विनी अनंत कुमार ने बताया कि यह संगठन आरोग्य, प्रकृति और संस्कृति के क्षेत्र में काम कर रहा है और यह एक गैर लाभकारिक संगठन है। देश के डेढ़ लाख से अधिक स्कूल के बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराता है। प्रकृति के क्षेत्र में भी अपना योगदान दे रहा है। पर्यावरण के प्रति जागरूकता के लिए काफी लंबे समय से वृक्षारोपण किए हैं एवं उनके पोषण की भी जिम्मेदारी भी संगठन ने ली। उन्होंने बताया कि जहां एक तरफ एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत हजारों पेड़ अयोध्या में लगाए जा रहे हैं वहीं अदम्य चेतना सामाजिक संगठन ने भी अयोध्या में विशाल वृक्षारोपण गतिविधियों का आयोजन किया है जिसमें सीता अशोक के लगभग 300 पौधे लगाने है। उन्होंने कहा कि यह एक सदाबहार पेड़ है जो सदमे एवं दर्द से राहत देता है। इसमें रंग-बिरंगे पुष्प होते हैं। इसकी छाल, पत्तियां, फूल और फल का प्रयोग हड्डी जोड़ने, अस्थमा, बवासीर, पेचिश, पथरी, त्वचा रोग आदि के लिए किया जाता है।
इस कार्यक्रम में प्रो0 पूर्णन प्रज्ञान, डाॅ0 राजेन्द्र हेगड़े, मुख्य नियंता प्रो0 संत शरण मिश्र, प्रो0 हिमांशू शेखर सिंह, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ल, प्रो0 गंगाराम मिश्र, प्रो0 शैलेन्द्र वर्मा, डाॅ0 विनोद चैधरी, डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डाॅ0 आशुतोष पाण्डेय, हिमांशु तिवारी, रूद्ध प्रताप, इंजीनियर अमित सिंह यादव सहित बड़ी संख्या में संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे।