संगीत हमे अध्यात्म व प्रकृति से जोड़ता हैः प्रो0 आशुतोष सिन्हा

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संगीत हमे अध्यात्म व प्रकृति से जोड़ता हैः प्रो0 आशुतोष सिन्हा
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गायन और नृत्य का संयोजन है संगीत: डाॅ0 रचना



अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के संगीत एवं अभिनय कला विभाग में भातखंडे संस्कृति, विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा आयोजित पन्द्रह दिवसीय गायन एवं नृत्य कार्यशाला का शुभारंभ सोमवार को किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन प्रो0 आशुतोष सिन्हा, समन्वयक प्रो0 सुरेन्द्र मिश्र व डाॅ0 रचना श्रीवास्तव ने माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन करके किया। इस कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को संगीत एवं नृत्य से प्रशिक्षित किया गया। कार्यशाला में मुख्य रिसोर्स पर्सन व प्रशिक्षिका डॉ0 रचना श्रीवास्तव ने बताया कि भावनाओं और विचारों को नृृत्य एवं गायन के माध्यम से अभिव्यक्त कर सकते है। यह एक माध्यम है जहां लोग कला के प्रति अवसरों को तलाशते है।

उन्होंने बताया कि एक संगीत में गायन और नृत्य का संयोजन होता है। नृत्य भावों की अभियक्ति एवं संप्रेषण है। इस दिशा में कॅरियर की संभावनाएं अधिक है। इसलिए भारतीय धरोहर को सहेजना व उनका संरक्षण करना आवश्यक है। कार्यशाला में कला एवं मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो0 आशुतोष सिन्हा ने कहा कि संगीत के सातों स्वरों की साधना करना आवश्यक है जिसके द्वारा हम अध्यात्म व प्रकृति से जुड़ते हैं। समन्वयक प्रो0 सुरेन्द्र मिश्र ने छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि संगीत की जड़ों से जुड़े रहें। इस अवसर पर डॉ0 सुधीर सिंह, डॉ0 नेहा श्रीवास्तव व श्रीमती कविता पाठक सहित प्रतिभागी उपस्थित रहे।

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