उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू कर अन्य प्रदेशों को दिखाई राहः अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग
अयोध्या: डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन सभागार में गुरूवार को अपराह्न 2 बजे अपर मुख्य सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं...
अयोध्या: डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन सभागार में गुरूवार को अपराह्न 2 बजे अपर मुख्य सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं...
अयोध्या: डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन सभागार में गुरूवार को अपराह्न 2 बजे अपर मुख्य सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ, उत्तर प्रदेश की श्रीमती मोनिका एस गर्ग एवं विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल की मौजूदगी में विश्वविद्यालय में स्थापित स्किल डेवलपमेंट हब के अन्तर्गत विश्वविद्यालय से अयोध्या मंडल के 28 महाविद्यालयों के साथ एमओयू किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति ने देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री के कौशल विकास मिशन को साकार करने की दिशा में एमओयू कर महत्वपूर्ण कदम उठाया।
विश्वविद्यालय के कौटिल्य प्रशासनिक भवन सभागार में “राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं कौशल विकास से आत्मनिर्भर युवा निर्माण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ, उत्तर प्रदेश की श्रीमती मोनिका एस गर्ग ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने परिसर में स्किल डेवलपमेंट हब स्थापित किया है। आज बड़ी संख्या में सम्बद्ध महाविद्यालयों ने एमओयू किया है।
यह सिर्फ विश्वविद्यालय के लिए ही नही। बल्कि प्रदेश के लिए गर्व की बात है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 कौशल विकास पर आधारित है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू कर अन्य प्रदेशों को राह दिखाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की मंशा है कि विद्यार्थियों की कल्पनाओं को कौशल विकास के माध्यम से पंख देना होगा। इसके लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को आगे आकर रोजगारपरक शिक्षा पर कार्य करना होगा।
हैण्डी क्राफ्ट व हैण्डलूम के साथ अन्य क्षेत्रों में कौशल विकास आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करना होगा। कार्यशाला में मोनिका एस गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कौशल विकास पर जोर दिया गया है। उच्च शिक्षण संस्थानों को हर विषयों में वर्तमान की मांग को देखते हुए कौशल विकास के अध्याय को जोड़ना होगा। इसके लिए जरूरी है कि शिक्षकों के पास भी वह स्किल विकसित हो। इससे शिक्षा का स्तर बढेगा और वह गुणवत्तापरक होगी।
उन्होंने सभी से कहा कि बाजार के अनुरूप पाठ्यक्रमों को विकसित कर युवाओं के सपनों को कौशल विकास के माध्यम से पूरा करना होगा। प्रदेश सरकार डिजिटल साक्षरता को प्रमुखता दे रही है हमें आधुनिक तकनीकी के साथ चलना होगा। कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने विश्वविद्यालय के इत्र निर्माण एवं टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण दिए जाने की सराहना करते हुए कहा कि अयोध्या से बाहर भी इसकी ब्राडिंग हो।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने कहा कि अयोध्या में रोजगार की अपार संभावनाएं है। छात्रों में कौशल को विकसित करने के लिए महाविद्यालयों के साथ बड़ी संख्या में एमओयू किया गया है। जिससे शिक्षा के साथ-साथ उन्हें आगे चलकर रोजगार भी प्राप्त हो सके। क्योंकि रोजगार किसी भी राष्ट्र की रीढ़ है। इसके लिए नई सोच को विकसित करना होगा। कुलपति ने कहा कि आज का दिन विश्वविद्यालय के लिए बहुत बड़ा एतिहासिक दिन है। क्योकि इतने बड़े स्तर पर एमओयू हुआ है। हमें महाविद्यालयों से भी उत्साहवर्धक सहयोग मिल रहा है। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री जी के कौशल विकास के सपने को साकार करने की दिशा में दो कदम आगे बढ़ाये और सभी अपना-अपना योगदान दे।
कार्यशाला के संयोजक एवं स्किल डेवलपमेट हब प्रभारी प्रो0 जसवंत सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में स्किल डेवलपमेट हब स्थापित किया गया। इसमें अयोध्या मंडल के 28 महाविद्यालयों साथ एमओयू किया गया है। इससे महाविद्यालयों के छात्रों को निःशुल्क प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जायेगा। कार्यशाला में सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यो ने कुलपति प्रो0 गोयल के कौशल विकास को लेकर विश्वविद्यालय के प्रयास की सराहना की। कहा कि पहली बार विश्वविद्यालय द्वारा महाविद्यालयों के छात्रों को रोजगार से जोड़ने की दिशा में सार्थक कदम उठाया गया है। कार्यशाला का संचालन संयोजक प्रो0 जसवंत सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव अंजनी कुमार मिश्र, वित्त अधिकारी पुर्णेन्दू शुक्ल, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह, प्रो0 एसएस मिश्र, प्रो0 आशुतोष सिन्हा, प्रो0 नीलम पाठक, डाॅ0 गीतिका श्रीवास्तव, साकेत प्राचार्य, अभय कुमार सिंह, डाॅ0 सुरेन्द्र मिश्र सहित बड़ी संख्या में प्राचार्य मौजूद रहे।