सीएसजेएमयू और गिगनाटी ने बिल्ड एआइ एजेंट हैकथॉन 2025 का सफल आयोजन किया
कानपुर| छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर ने गिगनाटी के सहयोग से बिल्ड एआई एजेंट हैकथॉन 2025 का सफलतापूर्वक समापन किया। इस आयोजन का उद्देश्य...

कानपुर| छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर ने गिगनाटी के सहयोग से बिल्ड एआई एजेंट हैकथॉन 2025 का सफलतापूर्वक समापन किया। इस आयोजन का उद्देश्य...
कानपुर| छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर ने गिगनाटी के सहयोग से बिल्ड एआई एजेंट हैकथॉन 2025 का सफलतापूर्वक समापन किया। इस आयोजन का उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों के बीच कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के व्यावहारिक उपयोग को बढ़ावा देना था, तथा नो-कोड और एजेंटिक एआई तकनीकों के माध्यम से वास्तविक समस्याओं के समाधान विकसित करना था। इस कार्यक्रम ने अकादमिक वातावरण में आधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता उपकरणों को सीखने और लागू करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया।
इस हैकथॉन में 300 से अधिक मेंटर्स ने भाग लिया और उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ मिलकर प्रभावी कृत्रिम बुद्धिमत्ता वर्कफ़्लो आधारित परियोजनाएँ विकसित कीं। गिगनाटी प्लेटफ़ॉर्म पर कई सप्ताह तक चले प्रशिक्षण व विकास के बाद कुल ग्यारह टीमों ने सामाजिक और संस्थागत चुनौतियों पर केंद्रित पूर्ण एआई समाधान प्रस्तुत किए। मूल्यांकन में भागीदारी, वर्कफ़्लो डिज़ाइन, तकनीकी निष्पादन, टोकन दक्षता और वास्तविक प्रभाव जैसे मानदंडों के आधार पर दो परियोजनाएँ सर्वश्रेष्ठ के रूप में उभरीं।
पहला पुरस्कार लगभग ₹1,00,000 का Dr. डॉ. दीपक कुमार वर्मा को उनके प्रोजेक्ट अन्नपूर्णा एआई के लिए दिया गया। यह परियोजना एक ज़ीरो-वेस्ट फ़ूड रेस्क्यू सिस्टम पर आधारित है, जो रियल-टाइम में फूड डोनर्स को एनजीओ से जोड़ती है। इस समाधान को इसकी सामाजिक प्रासंगिकता और सुव्यवस्थित ऑटोमेशन के लिए विशेष रूप से सराहा गया। दूसरा पुरस्कार ₹75,000का डॉ. अंशु सिंह को उनके समाधान कैम्पस न्यूज़बॉट के लिए प्रदान किया गया, जो व्हाट्सएप आधारित एक एआई असिस्टेंट है और छात्रों व संकाय सदस्यों तक त्वरित व विश्वसनीय कैंपस अपडेट पहुँचाता है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि यह हैकथॉन विभिन्न विभागों में एआई साक्षरता को बढ़ाने और शिक्षकों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं गिगनाटी की ओर से यह भी बताया गया कि यह आयोजन यह दर्शाता है कि नो-कोड एआई टूल्स किस प्रकार बिना तकनीकी बाधाओं के उपयोगकर्ताओं को अभिनव और व्यावहारिक समाधान विकसित करने में सक्षम बनाते हैं। सकारात्मक प्रतिक्रिया को देखते हुए, सीएसजेएमयू और गिगनाटी आने वाले वर्षों में इस हैकथॉन को और विस्तृत रूप में आयोजित करने की योजना बना रहे हैं, जिसमें व्यापक भागीदारी और अधिक उन्नत एआई मॉड्यूल शामिल होंगे ताकि शैक्षणिक क्षेत्र में अभिनव और प्रभावी तकनीकी समाधान विकसित हो सकें।





