एलयू: नई शिक्षा नीति के शोध को बढ़ावा देने के लिए 3 दिवसीय बैठक का हुआ समापन

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एलयू: नई शिक्षा नीति के शोध को बढ़ावा देने के लिए 3 दिवसीय बैठक का हुआ समापन
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लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के शोध को बढ़ावा देने के ऑब्जेक्टिव को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने हाल ही में 5 सदस्य समिति का गठन किया था जिसका उद्देश्य विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों द्वारा शोध करवाने की संभावना पर विचार कर अपनी आख्या प्रदान करना है। डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर राकेश चंद्रा, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोफेसर पूनम टंडन, व्यापार प्रशासन विभाग से डॉ संगीता साहू, प्रधानाचार्य, नेताजी सुभाष राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज डॉ अनुराधा तिवारी और प्रधानाचार्य डी ए वी डिग्री कॉलेज ऐशबाग डॉ अंजनी मिश्रा की उपस्थिति में इसी संदर्भ में आज 3 दिन से चल रहे बैठकों का सिलसिला संपन्न हुआ।

जहां दो दिन पहले विश्वविद्यालय के सभी विभागों के अध्यक्षों, समन्वयकों एवं संकायाध्यक्षों की और कल विश्वविद्यालय के संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य की एक बैठक आहूत की गई थी, वही आज इस संदर्भ के सभी हित धारकों अर्थात महाविद्यालयों के अध्यापकों की बैठक संपन्न की गई। बैठक में सभी उपस्थित अध्यापकों ने एक स्वर में इस पदक्षेप का स्वागत किया और सभी ने कुलपति को उनके सकारात्मक सोच और शोध के प्रति निष्ठा व श्रद्धा को सराहा।

लखनऊ विश्वविद्यालय से हाल ही में जुड़े नए चार जिलों के महाविद्यालयों के अध्यापक भी इस बैठक में उपस्थित थे और उन्होंने भी इस प्रस्ताव का पूरा समर्थन किया। साथ ही उनका यह भी कहना था की नई शिक्षा नीति जहां एक तरफ वैश्विक शिक्षा की बात करती है वह दूसरी तरफ प्रकृति और कॉर्पोरेशन की भी बात करती है अर्थात आज के समय में हंसकर नई शिक्षा नीति के आने के बाद विश्वविद्यालय को महाविद्यालयों की तरफ साथ और भाईचारे का हाथ बढ़ाना चाहिए और छात्र हित में व शोध हित में महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर कार्यरत शिक्षकों को भी शोध करवाने का अवसर देना चाहिए।


अराधना मौर्या

Tags:    lucknow univesity
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