पाते थे ₹300000 तनख्वाह प्रोफेसर के रूप में रिटायर हुए तो 30000 मिलना मुश्किल

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पाते थे ₹300000 तनख्वाह प्रोफेसर के रूप में रिटायर हुए तो 30000 मिलना मुश्किल

न्यू पेंशन स्कीम की जितनी भी अच्छाई सरकार बताती है या फिर संस्थान बताते हैं, हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।

कई ऐसे संस्थान हैं जहां से प्रोफेसर के रूप में रिटायर होने वाले लोग जिनके एनपीएस खाते में 60 से 70 लाख रुपए जमा है को रिटायरमेंट के समय बमुश्किल ₹25000 पेंशन मिलेगी।

उसमें से 60 परसेंट उनको रिटायरमेंट बेनिफिट के रूप में मिल जाता है और बाकी के 40 फ़ीसदी से पेंशन की गणना की जाती है।

अब अगर हम मान ले कि रिटायरमेंट के समय ए प्रोफ़ेसर के खाते में ₹700000 जमा है तो उसे 60 फ़ीसदी मतलब 42 लाख रुपए मिलेंगे और 2800000 रुपए से पेंशन मिलना शुरू हो जाएगा।

अगर हम 10 फ़ीसदी के हिसाब से भी गणना करें तो 2800000 पर सालाना ब्याज 280000 आता है और उस ब्याज पर हम 12 महीने अगर पेंशन दें तो तकरीबन 23 से 24000 प्रति माह पेंशन बनता है।

पुरानी पेंशन स्कीम के अनुसार अगर रिटायरमेंट के समय आपकी बेसिक 200000 है तो आपको पेंशन के रूप में उसका आधा ₹100000 मिलने लगेगा। इसके अलावा भी तरह-तरह के बेनिफिट ओल्ड पेंशन स्कीम में है।

जबकि अभी भी बाजार में जमा पर 10% ब्याज हासिल करना मुश्किल काम है।

इसके अलावा पुरानी पेंशन स्कीम में बढ़ते हुए अलाउंस पेंशन की राशि को लगातार ज्यादा करते रहते हैं, पर यहां पर एक फिक्स्ड अमाउंट पर पेंशन दिए जाने के कारण वह लगातार स्थिर रहेगा।

सभी जानते हैं कि महंगाई बढ़ती रहती है और आने वाले समय में अगर पेंशन में महंगाई भत्ता नहीं जुड़ता है तो उसका मतलब नहीं रह जाता।

इसके अलावा तरह-तरह की भ्रांतियां भी एनपीएस को लागू करने में है जिसके कारण सरकारी कर्मचारियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

न्यू पेंशन स्कीम में भर्ती लोग अब रिटायर होना शुरू हुए हैं और उसमें जो कमियां हैं सबके सामने आना शुरू हो गया है ।

सरकार को चाहिए न्यू पेंशन स्कीम की कमियों को तत्काल दूर करें जिससे सरकारी कर्मचारियों को बुढ़ापे में सहारा मिल सके।

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