लखनऊ विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत मिली 3200000 रुपए की वित्तीय स्वीकृति

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लखनऊ विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत मिली 3200000 रुपए की वित्तीय स्वीकृति
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वित्तीय वर्ष 2020-21 में लखनऊ विश्वविद्यालय ने विभिन्न प्रस्ताव उत्तर प्रदेश प्रशासन को विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत प्रस्तुत किए थे। इन सभी प्रस्ताव का परीक्षण एक्सपर्ट पैनल के द्वारा करवाने के पश्चात उत्तर प्रदेश राज्य उच्च शिक्षा परिषद ने लखनऊ विश्वविद्यालय को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत 3200000 रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की।

स्वीकृति प्राप्त करने वाले प्रस्तावों में भौतिक विज्ञान के डॉ आर के शुक्ला, अंग्रेजी विभाग के डॉ ओमकार नाथ उपाध्याय, अर्थशास्त्र विभाग के डॉ संजीव कुमार, संस्कृत विभाग के डॉ प्रयाग नारायण मिश्र, विधि संकाय के डॉक्टर राकेश कुमार सिंह, सांख्यिकी विभाग के डॉ अशोक कुमार, वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर पूर्णिमा बाजपेई, जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एसपी त्रिवेदी, अर्थशास्त्र विभाग के डॉक्टर करुणा शंकर कनौजिया, और एंथ्रोपोलॉजी विभाग के डॉक्टर किया पांडे के प्रस्ताव शामिल है।

इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों से रिसर्च एंड डेवलपमेंट योजना के अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों का विशेषज्ञ कमेटी के द्वारा परीक्षण करने के बाद कुल ₹4575300 का अनुदान विभिन्न राज्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों को शोध कार्य हेतु प्रदान किया गया। इस योजना के अंतर्गत लखनऊ विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अमिता कनौजिया को ₹483000 का अनुदान एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर मनीषा बनर्जी को ₹552500 की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर अमिता कनौजिया का शोध "एनोटेटेड कलर्ड चेक लिस्ट ऑफ रैपटर्स ऑफ उत्तर प्रदेश" विषय पर होगा और प्रोफेसर मनीषा बनर्जी का शोध "एंटी कैंसरस पोटेंशियल ऑफ सायनोड़ों डैक्टाइलों (दूब) इन सर्वाइकल कैंसर" पर होगा।

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