भाषा विश्वविद्यालय में 8 दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम सम्पन्न

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भाषा विश्वविद्यालय में 8 दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम सम्पन्न
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लखनऊ, 4 सितम्बर 2025। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय (केएमसीएलयू), लखनऊ ने यूजीसी–मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र (यूजीसी-एमएमटीटीसी), राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (नीपा), नई दिल्ली के सहयोग से “राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) अभिमुखीकरण एवं संवेदनशीलता” विषय पर 8 दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक विकास कार्यक्रम (एफडीपी) का सफल आयोजन 27 अगस्त से 4 सितम्बर 2025 तक किया।

कार्यक्रम के दौरान प्रतिष्ठित शिक्षाविदों एवं विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से संबंधित विविध आयामों पर व्याख्यान और संवादात्मक सत्र प्रस्तुत किए। विचार-विमर्श में शैक्षणिक नेतृत्व, शासन एवं प्रबंधन; समग्र एवं विषयगत शिक्षा; अनुसंधान एवं विकास; भारतीय ज्ञान प्रणाली; उच्च शिक्षा एवं समाज; कौशल विकास; छात्र विविधता एवं समावेशी शिक्षा; तथा उच्च शिक्षा में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के प्रयोग जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल रहे। प्रत्येक सत्र में सैद्धांतिक दृष्टिकोण और व्यावहारिक रणनीतियों का समन्वय किया गया, जिससे प्रतिभागियों को नीति की दृष्टि और उसके क्रियान्वयन की गहरी समझ प्राप्त हुई।

विशेष रूप से राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ), व्यावसायिक शिक्षाशास्त्र, अंतर्विषयक अनुसंधान, समानता एवं समावेशन तथा एनईपी सुधारों के क्रियान्वयन में संकाय की भूमिका पर बल दिया गया। प्रो. नीरु स्नेही, प्रो. कौशल किशोर, प्रो. एन. वी. वर्गीज़, प्रो. अशोक कुमार गाबा, प्रो. विनीता सिरोही, प्रो. नील रतन राय सहित अनेक प्रख्यात विद्वानों ने विचारोत्तेजक व्याख्यानों, केस स्टडी और वास्तविक उदाहरणों के माध्यम से प्रतिभागियों को समृद्ध किया।

समापन सत्र में भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने इस एफडीपी के आयोजन में नीपा और यूजीसी-एमएमटीटीसी के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से नीपा की कुलपति प्रो. शशिकला वंजारी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आयोजन समिति की दूरदृष्टि, समर्पण और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की, जिसके कारण यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन संकाय सदस्यों को संवेदनशील एवं सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं, जिससे वे अपने शिक्षण, शोध एवं संस्थागत दायित्वों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आकांक्षाओं के अनुरूप ढाल सकें।

समापन सकारात्मक और उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ, जहाँ प्रतिभागियों ने साझा किया कि इस एफडीपी ने न केवल उनकी एनईपी 2020 संबंधी समझ को गहरा किया, बल्कि उन्हें इसे अपने व्यावसायिक अभ्यास में एकीकृत करने के ठोस विचार भी प्रदान किए। आठ दिवसीय यह आयोजन उच्च शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया।

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