रेडियो में लेखन और सम्पादन में नौकरी की अपार संभावनाएं : डॉ. अनामिका श्रीवास्तव

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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविध्यालय के इंस्टीटयूसन इन्नोवेसन कौंसिल द्वारा आयोजित व्याख्यान में छात्रो से रेडियो में स्टार्टअप और नौकरी की संभावनाओं पर बात करते हुए आल इंडिया रेडियो की वरिष्ठ प्रोग्राम प्रोडूसर डॉ. अनामिका श्रीवास्तव ने कहाँ कि अगर आपको रेडियो में अपना करियर बनाना है तो लेखनी में शुद्धता के साथ साथ बोलने का अंदाज भी अच्छा होना चाहिए |

उन्होंने बताया कि किस तरह दूरदर्शन के आने से आठवें दशक में रेडियो

पीछे छुटा पर तकनीकी में बदलाव के साथ आज वो नए रूप में दर्शको को लुभा रहा है | रेडियो को हम बैकग्राउंड में रख कोई भी काम कर सकते है जो अन्य माध्यम खासकर टीवी में संभव नही है |



रेडियो में आज अपार संभावनाओं का द्वार खुला हुआ है | चाहे वो प्रोग्राम में हो या फिर कंटेंट राइटिंग में अगर आप भाषा पर नियंत्रण कर पाते है तो ये क्षेत्र असीम संभावनाओं से भरा हुआ है |


व्याख्यान में आल इंडिया रेडियो के वरिष्ठ संवाददाता सुशील तिवारी ने बताया कि किस तरह रेडियो समाचार लेखन में करियर बनाया जा सकता है | उन्होंने कम्युनिटी रेडियो में भी सम्भावना और करियर के बारे में विस्तार से बातचीत की और बताया कि कोविड काल में किस तरह इसकी सहायता से लोगो की मदद की गयी |


कार्यक्रम की शुरुआत में इस व्याख्यान के संयोजक प्रो. गोविन्द जी पाण्डेय ने सभी का स्वागत करते हुए बताया की किस तरह विश्वविद्यालय का इंस्टीटयूसन इन्नोवेसन कौंसिल काम कर रहा है और भविष्य में यहाँ स्टार्टअप के लिए किस तरह से सहायता मिल सकती है | कार्यक्रम में काफी संख्या में छात्र और छात्राओं ने प्रतिभाग किया |




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