डाॅ0 अनुराग व डॉ. नमिता को सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार वही डाॅ0 नवीन यंग रिसर्चर अवॉर्ड से सम्मानित
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों को जबलपुर, मध्यप्रदेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 6-जी इन्टरनेशल कांफ्रेस आॅन...


अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों को जबलपुर, मध्यप्रदेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 6-जी इन्टरनेशल कांफ्रेस आॅन...
अयोध्या। डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों को जबलपुर, मध्यप्रदेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 6-जी इन्टरनेशल कांफ्रेस आॅन इन्वायरमेंटल एण्ड सोसाइटी (आईसीईएस) में सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक डॉ. अनुराग सिंह को शिक्षण नवाचार के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन में उनके द्वारा अपनाई गई नवीन और रचनात्मक शिक्षण पद्धतियों को विशेष रूप से सराहा गया। डॉ. सिंह विश्वविद्यालय तथा आसपास के क्षेत्रों में अपनी अनूठी शिक्षण शैली के लिए व्यापक रूप से प्रसिद्ध हैं। उनके शिक्षण में विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी, व्यावहारिक दृष्टिकोण तथा नवीनतम तकनीकों का समावेश प्रमुख रूप से देखा जाता है, जो छात्रों के समग्र विकास में सहायक सिद्ध हो रहा है।
वहीं सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक डॉ. नवीन पटेल को यंग रिसर्चर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें अनुसंधान क्षेत्र में किए गए उनके उल्लेखनीय और प्रभावशाली कार्यों के लिए प्रदान किया गया है। डॉ. पटेल अब तक तीस से अधिक शोध पत्र प्रकाशित कर चुके हैं, जिनमें से अधिकांश ‘एससीआई‘ और स्कोपस जैसी प्रतिष्ठित शोध पत्रिकाओं में सूचीबद्ध हैं।
इनके प्रकाशित कुछ शोध पत्रों का इम्पैक्ट फैक्टर 8 से अधिक है, जो उनकी अनुसंधान गुणवत्ता और वैश्विक प्रभाव को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त डॉ. नवीन पटेल ने दो पेटेंट भी फाइल किए हैं, जो उनकी नवोन्मेषी सोच और व्यावहारिक अनुसंधान क्षमताओं का परिचायक है। इन्होंने डॉक्टोरल कार्य पर्यावरण विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार चैधरी के निर्देशन में पूरा किया है। डॉ. चैधरी के मार्गदर्शन में किए गए उनके शोध कार्यों ने अकादमिक क्षेत्र में उत्कृष्टता की मिसाल कायम की है।
वहीं पर्यावरण विज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ. नमिता गुप्ता को भी शिक्षण नवाचार के लिए सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए नवोन्मेषी शिक्षण प्रयासों के लिए प्रदान किया गया। डॉ. नमिता अपनी इन्फोग्राफिकल शिक्षण शैली के लिए जानी जाती हैं, जिसमें जटिल पर्यावरणीय अवधारणाओं को दृश्य माध्यमों और रचनात्मक प्रस्तुतियों के जरिए सरल व प्रभावशाली ढंग से समझाया जाता है। उनके इस शिक्षण दृष्टिकोण से विद्यार्थियों की विषय में समझ और रुचि दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सम्मेलन में उनके कार्यों की विशेष रूप से सराहना की गई। विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार चैधरी ने बताया कि 10-11 मई को जबलपुर, मध्यप्रदेश में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विश्वविद्यालय के तीन शिक्षकों को सम्मानित किया गया है। इनकी उपलब्धि ने विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। विश्वविद्यालय परिवार के शिक्षकों एवं शोद्यार्थियों ने भी हर्ष व्यक्त किया है।