"नए आपराधिक कानून एवं आपराधिक मुकदमेः न्याय प्रणाली का नया परिदृश्य"

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नए आपराधिक कानून एवं आपराधिक मुकदमेः न्याय प्रणाली का नया परिदृश्य
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अटल बिहारी बाजपेयी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर में एक महत्वपूर्ण अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन मानीय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक जी के मार्गदर्शन में हुआ।

वि‌द्यालय के निदेशक डॉ. पंकज ‌द्विवेदी ने मुख्य अतिथि श्री ललित मुद्गल, गोरखपुर परिक्षेत्र के अतिरिक्त निदेशक अभियोजन का सप्रेम स्वागत किया तथा उन्हें तुलसी का पौधाएवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य सुश्री हेमलता निनोरिया ने किया। अपने व्याख्यान में श्री ललित मुद्‌गल जी ने नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)- की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नए प्रावधानों से न्याय प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, पीड़ित केंद्रित एवं साक्ष्य-आधारित होगी।

अपने व्याख्यान में श्री ललित मुद्गल जी ने स्पष्ट किया कि -

आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) राज्य की इच्छा का वह अभिव्यक्त रूप है, जिसके माध्यम से अपराधों से निपटते हुए समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा की जाती है।

इस प्रणाली के मुख्य घटक पुलिस, पीडित, अभियुक्त, न्यायालय, बचाव पक्ष, अभियोजन, सुधार प्रशासन एवं विधायिका हैं।

आपराधिक मुकदमे की विभिन्न अवस्थाओं एफआईआर, विवेचना, चार्जशीट, आरोप गठन, अभियोजन साक्ष्य, अभियुक्त का बयान, बचाव साक्ष्य, अंतिम बहस एवं निर्णय- पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने यह भी बताया कि नए कानूनों के माध्यम से न्याय प्रणाली में पारदर्शिता, पीड़ित केंद्रित न्याय, ई-एफआईआर एवं जीरो एफआईआर जैसी व्यवस्थाएँ जोड़ी गई हैं, जिससे शीघ्र, निष्पक्ष एवं साक्ष्य आधारित मुकदमे सुनिश्चित होंगे।

श्री मुद्गल ने अपने व्याख्यान में विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 20 और अनुच्छेद 21 की प्रासंगिकता पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अनुच्छेद 21 का विस्तार केवल मानव तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पशुओं तक भी जीवन के अधिकार को विस्तृत करता है। साथ ही उन्होंने यह महत्वपूर्ण लैटिन सूक्तिभी उद्धृत की - "Ignorantia juris non excusat" अर्थात् "कानून की अज्ञानता कोई बहाना...

अंत में, सहायक आचार्य सुश्री विधि कटियार ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने सबसे पहले माननीय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने सदैव वि‌द्यालय को मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन प्रदान किया। तत्पश्चात उन्होंने निदेशक डॉ. पंकज ‌द्विवेदी का धन्यवाद किया, जिन्होंने इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सहयोग दिया। सुश्री विधि कटियार ने मुख्य अतिथि श्री ललित मुद्‌गल के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया कि उन्होंने समय निकालकर विद्यार्थियों को मूल्यवान जानकारी और अनुभव साझा किए। साथ ही उन्होंन विभाग के शिक्षको, आयोजन समिति एवं छात्र छात्रा, स्वयमसेवक, उपस्थितजन के परिश्रम और योगदान की भी सराहना की।

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