बिना बैग के बच्चा जाएगा स्कूल , सीखेगा नए नए तौर तरीके और स्किल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० में रचनात्मकता को आधार बना कर सांस्कृतिक विरासत को समझने वाला और ऐसा विद्यार्थी बनाना है जिससे एक ऐसे समाज का निर्माण हो...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० में रचनात्मकता को आधार बना कर सांस्कृतिक विरासत को समझने वाला और ऐसा विद्यार्थी बनाना है जिससे एक ऐसे समाज का निर्माण हो...
राष्ट्रीय शिक्षा नीति २०२० में रचनात्मकता को आधार बना कर सांस्कृतिक विरासत को समझने वाला और ऐसा विद्यार्थी बनाना है जिससे एक ऐसे समाज का निर्माण हो सके जहाँ सभी को समानता का अधिकार हो , जो अपने में सभी को समाहित करता हो , जो बहु-भाषी और बहुजातीयता को प्रोत्साहित करता हो | एक अच्छा शिक्षण संसथान अपने छात्रो को ऐसा वातावरण देता है जिसमे उसकी क्षमता का विस्तार हो सके |
इस नयी शिक्षा नीति में सभी छात्रो को ६ से ८ ग्रेड के बीच एक फन कोर्स का चयन करना होगा जो उनको सर्वे और वोकेशनल क्राफ्ट जैसे बढई, बिजली का काम , उद्यान , पोटरी , इत्यादि करना होगा |
इस दौरान उनको स्कूल में बैग नही ले जाना होगा और ये दस दिनों तक चलेगा |
इस तरह के क्राफ्ट को सीखाने के लिए ऑनलाइन माध्यम का भी इस्तेमाल किया जाएगा | बच्चो को स्कूल के बाहर ले जाकर इन जगहों पर शिक्षा दी जायेगी जिससे वो इन कामो को कम न आंके और उसको सीख सके |
हालाकि भारत में ये बहुत लेट आया है पर अमेरिका जैसे विकसित देश में बहुत पहले से है | वहां पर लेबर महंगा है इसलिए घर के ज्यादातर काम लोग खुद से करते है | छोटे मोटे काम के लिए किसी को बुलाना काफी खर्चीला होता है |
इस तरह की शिक्षा से जहाँ एक तरफ स्किल को बढ़ावा मिलेगा वही पुराने ज़माने से चले आ रहे एक सिस्टम को मजबूती भी मिलेगी और काम का सम्मान करना लोग सीखेंगे |