कृषि एवं ग्रामीण विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्णः संजय कुमार डोरा

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कृषि एवं ग्रामीण विकास में नाबार्ड की भूमिका महत्वपूर्णः संजय कुमार डोरा
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अयोध्या। इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ एवं इग्नू अध्ययन केंद्र डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या द्वारा वर्चुअल मोड में “ कृषि एवं ग्रामीण विकास में नाबार्ड की भूमिका“ विषयक एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को विदेश मंत्रालय के ई-विद्या भारती पोर्टल के माध्यम से भारतीय विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने की अनुमति मिल चुकी है, जिसके तहत यूजीसी द्वारा ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन प्रोग्राम के माध्यम से दिशा निर्देशों में किए गए संशोधन के अनुसार अब प्रवेश ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफ्रीकन छात्रों का प्रवेश पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल डेवलपमेंट एवं मास्टर इन रूरल डेवलपमेंट एवं अन्य सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में लिया गया है। वर्तमान में इग्नू में करीब 2000 विदेशी छात्र अध्यनरत है।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए नाबार्ड लखनऊ के चीफ जनरल मैनेजर संजय कुमार डोरा ने कृषि एवं ग्रामीण विकास में नाबार्ड की भूमिका के बारे में बताते हुए मुख्यतः नाबार्ड के द्वारा प्रदान की जा रही वित्तीय सहायता एवं री-फाइनेंसिंग स्कीम के संदर्भ में विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 1969 में एक रिव्यू कमेटी बनाई जो की कृषि एवं ग्रामीण विकास से संबंधित थी। इस क्रम में भारतीय रिजर्व बैंक एवं नाबार्ड के तत्वाधान में वर्ष 1995 में रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाया गया। राज्य स्तर पर राज्य सरकार को नाबार्ड द्वारा रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास हेतु मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें, स्कूल, पेयजल तथा आंगनबाड़ी क्षेत्र को और विकसित करने हेतु 5.25 प्रतिशत की दर से लोन राज्य सरकार को प्रदत्त किया जाता है। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक तथा अन्य सरकारी विभाग एवं विकासशील गतिविधियों में नाबार्ड द्वारा प्रदत्त री-फाइनेंसिंग सुविधा का उपयोग किया जाता है। कृषि क्षेत्र में बीज, खाद, पेस्टिसाइड, आदि की उपलब्धता हेतु बैंकों तथा नोडल बैंकों के माध्यम से किसान लाभान्वित होते हैं।

कार्यक्रम का संचालन इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय के सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ0कीर्ति विक्रम सिंह ने किया। अविवि इग्नू अध्ययन केंद्र अयोध्या के समन्वयक प्रो0 हिमांशु शेखर सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से इग्नू से ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को निश्चित रूप से एक नई दिशा प्राप्त होगी। विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित ई-विद्याभारती कार्यक्रम के द्वारा विदेशी छात्रों के लाभान्वित होने के बारे में उन्होंने कहा कि इससे भारतीय छात्रों को भी विदेशी छात्रों के साथ अध्ययन करने का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर पर इग्नू अध्ययन केंद्र अयोध्या से प्रशासनिक अधिकारी डॉ. श्रीष अस्थाना, डॉ. आशुतोष कुमार पाण्डेय, डॉ. निमिष मिश्र, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. रविन्द्र भारद्वाज, डॉ. विवेक कुमार उपाध्याय के साथ बड़ी संख्या में विदेशो से प्रवेशित अफ्रीकन छात्र एवं अन्य अध्ययन केन्द्रों के समन्वयक भी कार्यक्रम से जुड़े रहे।

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