इग्नू में कृषि वित्त एवं ग्रामीण विकास में भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय इग्नू अध्ययन केन्द्र एवं इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के संयुक्त संयोजन में ‘कृषि वित्त एवं ग्रामीण...
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय इग्नू अध्ययन केन्द्र एवं इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के संयुक्त संयोजन में ‘कृषि वित्त एवं ग्रामीण...
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय इग्नू अध्ययन केन्द्र एवं इग्नू क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ के संयुक्त संयोजन में ‘कृषि वित्त एवं ग्रामीण विकास में भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका‘ विषयक एक दिवसीय वर्चुअल सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय कार्यालय लखनऊ की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मनोरमा सिंह ने बताया कि कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग है।
देश की कुल आय का लगभग 25 प्रतिशत केवल कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों के जरिये प्राप्त होता है। उन्होंने बताया कि देश में बैंकिंग संस्थाओं को इस क्षेत्र में वित्तीय सहायता प्रदान करने से कृषि को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाता है। इस संदर्भ में भारत के समस्त बैंक नियमित एक नयी दिशा दे रहे है जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक का इस क्षेत्र के विकास में अहम् योगदान है।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय रिजर्व बैंक, लखनऊ के क्षेत्रीय निदेशक ने कृषि एवं ग्रामीण विकास में डॉ. बालू केवप्पा ने कहा कि देश की 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन यापन करती है जिनमें से 42 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि देश की 1.4 बिलियन जनसँख्या की प्रति व्यक्ति अधिग्रहित कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल बहुत कम हो चुका है, इसका मूल कारण बड़े पारिवारिक घरानों में हो रहे विघटन एवं एकल परिवार की बढती प्रवृत्ति है।
उन्होंने कहा कि आज प्रति व्यक्ति को अपने कृषि योग्य भूमि के क्षेत्रफल को बढ़ाना जरूरी है, यदि शीघ्र ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में कृषक भूमि अत्यंत कम हो जाएगी। इसके दुष्परिणाम पूरे देश को देखना होगा। उन्होंने कृषि वित्त एवं ग्रामीण विकास में भारतीय रिजर्व बैंक के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा करते हुए कहा कि इन क्षेत्रों को अधिक से अधिक बढ़ावा देने के लिए रिजर्व बैंक ने प्रदेश स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक बैंको एवं सहायता समूहों के जरिये कृषको को कृषि तथा उससे सम्बद्ध कार्यकलापों के लिए वित्त का नियोजन किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. बालू ने बड़ी संख्या में ई-विद्या भारती पोर्टल से जुड़े अफ्रीकी द्वार स्टीव मिशेक, बेन्जम एवं अन्य एम. बी.ए. कृषि व्यवसाय के छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए। कार्यक्रम के समापन पर अध्ययन केंद्र, अयोध्या के समन्वयक प्रो. हिमांशु शेखर सिंह ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के इस योगदान से मैनेजमेंट के छात्रों एवं एग्री बिजनेस के छात्रों को अपना स्टार्टअप शुरू करने में एक नयी दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम का संचालन सहायक क्षेत्रीय निदेशक लखनऊ डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह ने किया। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन इस अध्ययन केंद्र लखनऊ के समन्वयक डॉ. जयवीर सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. आशुतोष पाण्डेय एवं प्रशासनिक अधिकारी डॉ. श्रीश अस्थाना व बड़ी संख्या में अफ्रीकी एवं एम.बी.ए. विभाग के छात्र-छात्राएं कार्यक्रम से जुड़े रहे।