कैंसर सहित कई बीमारियांे की जाॅच में सरफेस प्लाज्मान रिजोनेंस बेस्ड बायो सेंसर उपयोगी
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह के अन्तर्गत दीक्षांत सप्ताह के क्रम में भौतिक एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग में दो...
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह के अन्तर्गत दीक्षांत सप्ताह के क्रम में भौतिक एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग में दो...
अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के 28वें दीक्षांत समारोह के अन्तर्गत दीक्षांत सप्ताह के क्रम में भौतिक एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग में दो व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एंव दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। व्याख्यान में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर के भौतिक एवं पदार्थ विज्ञान के विभागाध्यक्ष प्रो0 डी०के० द्विवेदी ने सरफेस प्लाज्मान रिजोनेंस बेस्ड बायो सेंसर विषय पर बोलते हुए कहा कि इसका उपयोग कैंसर, मलेरिया, डायबिटीज जैसी बीमारियों की प्रारंभिक जांच में मील का पत्थर साबित होगा।
इसके साथ ही उन्होंने बायोसेंसर की डिजाइन एवं उसके अनुप्रयोग पर प्रकाश डाला और कहा कि बायो सेंसर एक प्रकार का रिफ्रैक्टिव इंडेक्स सेंसर है। कार्यक्रम में विभाग के प्रो0 केवके० वर्मा ने विषय का परिवर्तन करते हुए कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अतिथियों का स्वागत पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 अनुपम श्रीवास्तव द्वारा किया गया।
वहीं दूसरे व्याख्यान में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी गोरखपुर के पूर्व निदेशक डॉ० ए०के०डी० द्विवेदी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग विषय पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने घरेलू उपकरणों को डीसी में बदलकर रिनोवेबल ऊर्जा से चलाने, डीसी से ए०सी० और ए०सी० से डीसी में परिवर्तन की लागत कम करने पर जोर दिया।
दोनों व्याख्यानों का संयोजन विभागाध्यक्ष प्रो0 गंगाराम मिश्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रदुमन कुमार शुक्ला और हिमांशी मिश्रा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन डॉ० अनिल कुमार ने किया। इस अवसर पर डॉ० सिंधु सिंह, डॉ० अनिल कुमार, डॉ० सचिन सिंह, डॉ० संदीप कुमार पांडे सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।