प्रसन्नता के लिए परिस्थितियां महत्वपूर्ण नहींः आशीष

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प्रसन्नता के लिए परिस्थितियां महत्वपूर्ण नहींः आशीष
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अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग में इंडियन नालेज सिस्टम एंड लाइफ मैनेजमेंट विषय पर बुधवार को सेमिनार आयोजित हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विश्व गायत्री परिवार के युवा सेल के समन्वयक आशीष सिंह रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रसन्न होने में यह महत्व नहीं रखता की परिस्थितियां कैसी हैं, बल्कि आपसी संवाद, तालमेल और रिश्ते महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को याद दिलाया कि ऋषियों-मुनियों ने ध्यान से ही बड़ी-बड़ी गणनाएँ कर डालीं। उन्होंने सदैव अपना ध्येय स्पष्ट रखने की सलाह देते हुए कहा कि अच्छा आदमी खराब से खराब वस्तु का सदुपयोग कर सकता है, लेकिन खराब व्यक्ति अच्छी से अच्छी वस्तु का दुरुपयोग ही करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में संवाद के अनेक तरीके भले ही विकसित हुए, लेकिन आपस में संवादहीनता भी बढ़ गई है। इंटरनेट मीडिया पर भले ही लोग जान सकते हैं कि अमेरिका में बैठे उनके किसी दोस्त ने क्या भोजन किया था, लेकिन यह नहीं पता होता कि उनके परिवार में किसने भोजन किया। इसी तरह सुरक्षा के लिए शस्त्र तो बढ़े, लेकिन इसी के साथ खतरा भी बढ़ा है, चिकित्सा की सुविधाएं बढ़ीं हैं, लेकिन बीमारियां भी बढ़ गईं हैं, धन बढ़ा है तो असंतोष भी बढ़ गया है। उनका याद दिलाया कि सभी की अंतरात्मा यही चाहती है कि वह अच्छा काम करे।

कार्यक्रम में प्रो. शैलेंद्र वर्मा ने विषय प्रवर्तन करते हुए रामायण, महाभारत और वेदों से भारतीय जान परंपरा के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि भले ही तमाम अंतरिक्ष एजेंसियों ने धरती से सूर्य की दूरी का पता कुछ दशकों पूर्व में किया, लेकिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में ही धरती और सूर्य के बीच की दूरी का उल्लेख कर दिया था। कार्यक्रम का शुभारम्भ आशीष सिंह, विभागाध्यक्ष प्रो. हिमांशु शेखर सिंह, प्रो. शैलेंद्र वर्मा एवं डा. राना रोहित सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। अतिथियों के प्रति आभार ज्ञापन डाॅ0 राना रोहित सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 अनुराग तिवारी ने किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार जोनल समन्वयक देशबंधु तिवारी, डा. महेंद्र पाल सिंह, डा. रामजीत सिंह यादव, डा. कपिलदेव, डा. प्रवीण राय, डा. अंशुमान पाठक, डा. आशीष पटेल, डॉ रामजी सिंह, डॉ आशुतोष पांडेय सहित अन्य उपस्थित रहे।

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