ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह सम्पन्न

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ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस समारोह सम्पन्न
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लखनऊ, 4 सितम्बर 2025। ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग द्वारा भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर शिक्षक दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के अटल हॉल, अकादमिक बिल्डिंग में शिक्षा विभाग के छात्रों द्वारा संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति अजय तनेजा एवं विशेष अतिथि की भूमिका में विश्वविद्यालय की प्रथम महिला डॉ. मोनिका तनेजा के आगमन से हुआ। दीप प्रज्वलन के साथ समारोह की विधिवत शुरुआत की गई।

इस अवसर पर शिक्षा विभाग के छात्रों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं। स्वागत गीत का मधुर प्रस्तुतीकरण श्रीमती विभा सिंह एवं उनकी टीम ने किया। विभाग की शोधार्थी रचना मिश्रा और मानसी मिश्रा ने अपनी कविताओं से सभी को भावविभोर किया। विधि विभाग के छात्र अमन कुमार त्रिपाठी ने अपने प्रभावशाली भाषण से शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त किया। अंशिका और आकाशी ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से छात्रों ने गुरु-शिष्य परंपरा और शिक्षकों के योगदान को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया, जिसे शिक्षकों ने खूब सराहा।

माननीय कुलपति प्रोफ़ेसर अजय तनेजा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा कि शिक्षक समाज की आत्मा और राष्ट्र की धड़कन होते हैं। उन्होंने कहा कि बदलते समय में शिक्षा का स्वरूप निरंतर परिवर्तित हो रहा है और हमें एजुकेशन 4.0 की दिशा में आगे बढ़ना होगा। यह केवल तकनीकी उन्नति तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा में रचनात्मकता, नवाचार, बहुआयामी दृष्टिकोण और सामाजिक उत्तरदायित्व को जोड़ने की प्रक्रिया है।

उन्होंने छात्रों से कहा कि शिक्षक उनके मार्गदर्शक हैं, जो अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं। विद्यार्थियों का दायित्व है कि वे अपने शिक्षकों के आदर्शों को आत्मसात करें और समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें। साथ ही, उन्होंने शिक्षकों को भी संदेश दिया कि वे स्वयं को समयानुकूल अद्यतन करते रहें, क्योंकि आज का विद्यार्थी केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि दृष्टिकोण, प्रेरणा और मानवीय मूल्यों की अपेक्षा करता है। कुलपति महोदय ने कहा – “एक शिक्षक की सबसे बड़ी सफलता तब है, जब उसके विद्यार्थी उससे आगे निकलकर समाज और देश की सेवा करें।”

उन्होंने शिक्षा विभाग के छात्रों और आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम न केवल परंपरा का सम्मान करते हैं बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने और जिम्मेदार नागरिक बनाने में सहायक सिद्ध होते हैं।

कार्यक्रम के अंत में शिक्षा विभाग की अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रोफ़ेसर चंदना डे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समारोह में प्रोफ़ेसर मसूद आलम फलाही, प्रोफ़ेसर तनवीर खदीजा, डॉ. नलिनी मिश्रा, डॉ. पूनम चौधरी सहित अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।

यह आयोजन न केवल शिक्षकों को सम्मानित करने का अवसर बना, बल्कि शिक्षकों और शिक्षार्थियों के बीच सौहार्द और संबंधों को और प्रगाढ़ करने का भी माध्यम सिद्ध हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षा विभाग के सभी शिक्षकों एवं छात्रों का विशेष योगदान रहा।

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