इंक्लाइंड प्लेट प्लांटर मशीन फॉर मस्टर्ड सीड्स” को डिज़ाइन पंजीकरण प्रमाण पत्र प्राप्त, किसानों के लिए होगा लाभकारी आविष्कार
भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने “Inclined Plate Planter Machine for Mustard Seeds” के डिज़ाइन को आधिकारिक रूप से पंजीकृत कर प्रमाण पत्र जारी किया है।...


भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने “Inclined Plate Planter Machine for Mustard Seeds” के डिज़ाइन को आधिकारिक रूप से पंजीकृत कर प्रमाण पत्र जारी किया है।...
भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने “Inclined Plate Planter Machine for Mustard Seeds” के डिज़ाइन को आधिकारिक रूप से पंजीकृत कर प्रमाण पत्र जारी किया है। यह अभिनव मशीन इंजीनियर विवेक कुमार बाजपेयी द्वारा विकसित की गई है, जो सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए एक बड़ा तोहफ़ा साबित होगी।
अब तक सरसों की बुआई के लिए कोई विशेष मशीन उपलब्ध नहीं थी और किसान पारंपरिक तरीकों पर निर्भर थे, जिससे न केवल अधिक बीजों की खपत होती थी बल्कि समय और श्रम की भी बर्बादी होती थी। इस नई मशीन की मदद से सरसों के बीजों की रो-टू-रो दूरी 30 सेंटीमीटर तथा प्लांट-टू-प्लांट दूरी 12 से 15 सेंटीमीटर के हिसाब से बुआई की जा सकती है। साथ ही बीजों को 1 से 2 सेंटीमीटर गहराई में सटीक रूप से डाला जा सकता है।
मशीन की विशेषताएँ:
बीजों की बचत: पारंपरिक पद्धति की तुलना में काफी कम बीज लगेंगे।
समय की बचत: बुआई प्रक्रिया तेज और सरल होगी।
लेबर की बचत: कम श्रम से अधिक क्षेत्र की बुआई संभव होगी।
सटीक खेती (Precise Farming): खेत में बीजों का वितरण वैज्ञानिक तरीके से होगा।
इंजीनियर विवेक कुमार बाजपेयी ने कहा कि “इस मशीन का उद्देश्य किसानों को तकनीकी सहयोग देकर उनकी आय और उत्पादन क्षमता बढ़ाना है। आधुनिक खेती के इस युग में सरसों जैसी महत्वपूर्ण फसल को वैज्ञानिक ढंग से बोने की यह मशीन एक नया अध्याय लिखेगी।”
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने कहा कि “हमारे विश्वविद्यालय के शोध और नवाचार का मकसद केवल अकादमिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और किसानों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन लाना है। इंजीनियर विवेक बाजपेयी का यह आविष्कार विश्वविद्यालय के विज़न को साकार करता है और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।”
यह मशीन प्रिसाइज़ फार्मिंग की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और आने वाले समय में सरसों की बुआई को लेकर किसानों की सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान प्रदान करेगी।
यह डिज़ाइन पंजीकरण, कृषि यांत्रिकीकरण में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है, जो आने वाले वर्षों में खेती को और अधिक आधुनिक और लाभकारी बनाने की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा।