ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में अभियंता दिवस समारोह सम्पन्न
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भारत रत्न अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर अभियंता...


ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भारत रत्न अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर अभियंता...
ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा भारत रत्न अभियंता मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के अवसर पर अभियंता दिवस समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। यह आयोजन छात्रों में तकनीकी जागरूकता एवं अभियंत्रण के महत्व को रेखांकित करने के उद्देश्य से सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर जे. बी. श्रीवास्तव ने कहा कि “अभियंत्रण केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के सतत विकास और मानवता की प्रगति का आधार है। अभियंताओं को अपने नवाचार से समाज की समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करना चाहिए।”
वहीं विद्यार्थियों से मुखातिब होते हुए माननीय कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने अपने संदेश में कहा कि “अभियंता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि भारत की प्रगति और आत्मनिर्भरता में अभियंताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालय सदैव विद्यार्थियों को उत्कृष्ट तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों से भी समृद्ध करने के लिए संकल्पित है।”
कार्यक्रम में बोलते हुए निदेशक डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने कहा कि “इस प्रकार के आयोजन छात्रों की रचनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। भविष्य के अभियंताओं को केवल तकनीकी दक्षता ही नहीं बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से भी ओतप्रोत होना चाहिए।”
आज का समारोह विभागाध्यक्ष इंजीनियर कौशलेश कुमार शाह के संयोजन में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की सफलता में विभाग के शिक्षकगण इंजीनियर अभिषेक अवस्थी, श्रीमती आस्था एवं श्री सलमान अंसारी का विशेष योगदान रहा।
अभियंता दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न तकनीकी प्रतियोगिताएँ—मॉडल प्रेजेंटेशन, पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन, पोस्टर मेकिंग एवं क्विज प्रतियोगिता—आयोजित की गईं, जिनमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अंत में आभार ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ और सभी को अभियंता दिवस की शुभकामनाएँ दी गईं।