विश्व ओज़ोन दिवस के अवसर पर भाषा विश्वविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन

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विश्व ओज़ोन दिवस के अवसर पर  भाषा विश्वविद्यालय में संगोष्ठी का आयोजन
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विश्व ओज़ोन दिवस के अवसर पर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के विज्ञान संकाय (रसायन विज्ञान विभाग), अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी विभाग (पर्यावरण विज्ञान) तथा फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में “जीवन के लिए वर्तमान ओज़ोन परिदृश्य” विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने अध्यक्षता की, मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. जसवंत सिंह, संस्थापक निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ अर्थ एंड एनवायरनमेंटल साइंस, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या, उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ. जवाहर लाल जाट, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ ने विशिष्ट वक्ता के रूप में संगोष्ठी को संबोधित किया।

विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. तत्हीर फ़ातिमा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। संगोष्ठी के दौरान डॉ. आर. के. त्रिपाठी ने फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण किया।

विशिष्ट वक्ता डॉ. जवाहर लाल जाट ने ओज़ोन परत संरक्षण, पर्यावरणीय चुनौतियों और सतत विकास के संदर्भ में अपने विचार साझा किए। उन्होंने वैज्ञानिकों के योगदानों को रेखांकित करते हुए बताया कि इस वैश्विक संकट के समाधान हेतु वैज्ञानिक दृष्टिकोण और जन-जागरूकता दोनों आवश्यक हैं।

मुख्य अतिथि प्रो. जसवंत सिंह ने अपने शोध अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों की उनकी शोध यात्राओं ने यह स्पष्ट किया कि ओज़ोन परत में परिवर्तन किस प्रकार ध्रुवीय क्षेत्रों एवं वैश्विक जलवायु को प्रभावित करता है।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने कहा कि “विश्व ओज़ोन दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि ओज़ोन परत की सुरक्षा केवल वैज्ञानिक दायित्व नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है।” इस अवसर पर उन्होंने प्रभावी नारा भी दिया—

“Think Locally, Act Globally”

कार्यक्रम का संचालन डॉ. ब्रजेश कुमार द्विवेदी एवं डॉ. अजय कुमार यादव ने किया। आयोजन में डॉ. नीरज शुक्ला, डॉ. राजकुमार, डॉ. ममता शुक्ला, डॉ. अभय कृष्ण, डॉ. वंदिता, डॉ. दिलीप कुमार सहित विश्वविद्यालय के शिक्षकों और इको क्लब की टीम का विशेष योगदान रहा।

संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने न केवल ओज़ोन परत की वर्तमान स्थिति और पर्यावरणीय चुनौतियों पर प्रकाश डाला, बल्कि प्रतिभागियों को ठोस कदम उठाने की प्रेरणा भी दी।

इस अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग द्वारा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन डॉ. शालिनी सिंह एवं डॉ. नलिनी धस्माना द्वारा किया गया। परिणामस्वरूप प्रिया सिंह (बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि एकता कुमारी एवं ताहिरा फ़ातिमा (बी.एससी. बायोटेक्नोलॉजी) द्वितीय स्थान पर रहीं और अनुज चौधरी एवं इरम परवीन (बी.एससी. रसायन विज्ञान) को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।

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