माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक अब करेंगे विद्यार्थियों को सही करियर चुनने में मदद। इसके लिए शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है।

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माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक अब करेंगे विद्यार्थियों को सही करियर चुनने में मदद। इसके लिए शिक्षकों को तैयार किया जा रहा है।
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उत्तर प्रदेश सरकार छात्रों के भविष्य को आकार देने के लिए समग्र शिक्षा-माध्यमिक और यूनिसेफ के सहयोग से एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। मध्य करियर मार्गदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत लखनऊ में एक सप्ताह की राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में प्रदेश के सभी 75 जनपदों से चयनित 150 नोडल शिक्षकों ने भाग लिया, जो प्रशिक्षित होकर अपने-अपने जनपदों में करियर गाइडेंस कार्यक्रम को विस्तार देंगे।।

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए समग्र शिक्षा-माध्यमिक, उत्तर प्रदेश के अपर राज्य परियोजना निदेशक श्री विष्णुकांत पांडेय ने करियर गाइडेन्स को विद्यार्थियों ke liye अहम बताया और कहा कि अब रोजगार के असीमित विकल्प उपलब्ध हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि शिक्षकों और शिक्षा विभाग का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को बदलते समय के अनुसार नए अवसरों और संभावनाओं के प्रति जागरूक करना है। श्री पांडेय ने कहा कि करियर मार्गदर्शन केवल पढ़ाई का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों को उनकी रुचि और योग्यता के अनुसार उचित मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए आवश्यक है।

संयुक्त शिक्षा निदेशक श्री हरवंश सिंह ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम की समझ को और अधिक प्रभावी बनाएगा । वहीं, यूनिसेफ के शिक्षा अधिकारी श्री रवि राज दयाल ने सुझाव दिया कि करियर गाइडेंस को केवल परामर्श तक सीमित न रखकर इसे रोजगारपरक गतिविधियों और शैक्षिक भ्रमण से भी जोड़ा जाना चाहिए।





उल्लेखनीय है कि इस वर्ष के प्रशिक्षण में व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कई प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसमें समूह एवं व्यक्तिगत करियर काउंसलिंग,तमन्ना अभिक्षमता परीक्षण, डिजिटल एवं वित्तीय साक्षरता, जीवन कौशल, शैक्षिक भ्रमण एवं पंख पोर्टल पर उपलब्ध विभिन्न करियर विकल्प भी शामिल हैं। विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार सही विषय/स्ट्रीम चुनने में मदद करने के लिए समूह और व्यक्तिगत काउंसलिंग पर विशेष जोर दिया गया है। कक्षा 9 और 10 के छात्रों के लिए तमन्ना अभिक्षमता परीक्षण भी संचालित किया जा रहा है। तमन्ना (TAMANNA- Try And Measure Aptitude And Natural Abilities) एक योग्यता परीक्षा है जिसे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मार्गदर्शन में सीबीएसई और एनसीईआरटी ने 9वीं और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विकसित किया है। यह परीक्षा छात्रों की दक्षता, कौशल और अभिक्षमता (एप्टीट्यूड) का मूल्यांकन करती है। "पासपोर्ट टू अर्निंग" पहल के तहत, विद्यार्थियों के लिए वित्तीय और डिजिटल साक्षरता से संबंधित पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए गए हैं। उत्तर प्रदेश के पंख पोर्टल (https://uppankh.in/) के अलावा विद्यार्थी सीबीएसई करियर गाइडेंस पोर्टल (http://www.cbsecareerguidance.com), राष्ट्रीय करियर सेवा (NCS) पोर्टल (https://www.ncs.gov.in) भी विज़िट कर विभिन्न करियर विकल्पों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। पंख पोर्टल पर 550 से अधिक करियर विकल्प उपलब्ध हैं।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षित शिक्षक विद्यार्थियों को नियमित करियर परामर्श देंगे। साथ ही वे अपने विद्यालयों में करियर हब की स्थापना करेंगे, साप्ताहिक/पाक्षिक करियर क्लब गतिविधियों का संचालन करेंगे, अभिभावकों को बैठकों के माध्यम से इसके प्रति जागृत करेंगे तथा पंख पोर्टल जैसे संसाधनों का उपयोग कर करियर विकल्प, छात्रवृत्तियों और प्रवेश परीक्षाओं से संबंधित जानकारी विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएंगे।

यह पहल विद्यार्थियों की क्षमताओं को निखारने और उन्हें आत्मनिर्भर व सक्षम नागरिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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