रामपुर रज़ा लाइब्रेरी और भाषा विश्वविद्यालय के बीच समझौता, शोध और शिक्षा को मिलेगी नई दिशा

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रामपुर रज़ा लाइब्रेरी और भाषा विश्वविद्यालय के बीच समझौता, शोध और शिक्षा को मिलेगी नई दिशा
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लखनऊ, 23 सितंबर: ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय और रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के बीच एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक और शोध सहयोग की नींव रखी गई है। रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने आज अपनी टीम के साथ विश्वविद्यालय का दौरा किया, जहाँ दोनों संस्थानों के बीच भविष्य में होने वाले समझौते पर विस्तृत चर्चा हुई।

यह दौरा विश्वविद्यालय द्वारा गठित एक चार सदस्यीय समिति के रामपुर रज़ा लाइब्रेरी के दौरे के बाद हुआ है। इस समिति ने लाइब्रेरी का दौरा कर कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रारंभिक सहमति बनाई थी। इसी क्रम में डॉ. पुष्कर मिश्र ने आज विश्वविद्यालय का दौरा किया ताकि इन सहमतियों को अंतिम रूप दिया जा सके।

चर्चा के दौरान यह तय हुआ कि दोनों संस्थान मिलकर अनेक शैक्षणिक और शोध गतिविधियों को संयुक्त रूप से आयोजित करेंगे। इनमें शिक्षक और विद्यार्थी आदान-प्रदान कार्यक्रम, संयुक्त शोध परियोजनाएं, शोधार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और इंटर्नशिप, दुर्लभ पांडुलिपियों का रेप्लिका म्यूजियम, व्याख्यान श्रृंखलाएं, सेमिनार, कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, रज़ा लाइब्रेरी जर्नल का पुनः प्रकाशन भी इस समझौते का एक हिस्सा होगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने इस सहयोग को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि "रामपुर रज़ा लाइब्रेरी का ज्ञान भंडार पूरी दुनिया के लिए एक अमूल्य खजाना है। यह समझौता न केवल शोध के नए रास्ते खोलेगा, बल्कि हमारे शिक्षकों और विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर की अकादमिक सुविधाएँ भी प्रदान करेगा।" उन्होंने आगे कहा कि यह सहयोग अतीत की विद्वत्ता को वर्तमान से जोड़कर भविष्य को नई दिशा देगा।

इस समझौते पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर 3 अक्टूबर को रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में किए जाएंगे। यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय शुरू करेगा, जिससे शोध और सांस्कृतिक संबंधों को एक नई गति मिलेगी।

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