भाषा विश्वविद्यालय में “स्वच्छ वायु का मार्ग” पर चर्चा का आयोजन . उत्तर प्रदेश में वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श

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भाषा विश्वविद्यालय में “स्वच्छ वायु का मार्ग” पर  चर्चा का आयोजन . उत्तर प्रदेश में वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण विचार-विमर्श
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बचपन एक्सप्रेस ,लखनऊ, 24 सितम्बर 2025

ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा “उत्तर प्रदेश में स्वच्छ वायु का मार्ग (Pathway to Cleaner Air in U.P.)” विषय पर एक महत्वपूर्ण चर्चा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (WRI), इंडिया के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने की, जबकि श्री एस. के. कुमारस्वामी, कार्यक्रम निदेशक (क्लीन एयर एक्शन), WRI इंडिया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। श्री कुमारस्वामी ने कहा, “स्वच्छ वायु केवल पर्यावरण की ही नहीं बल्कि हमारे स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। सभी संस्थाओं, नागरिकों और युवाओं की साझा भागीदारी के बिना इस दिशा में ठोस परिणाम नहीं मिल सकते। यह गोलमेज चर्चा एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो उत्तर प्रदेश में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाने में मार्गदर्शन करेगी।”

चर्चा में विभिन्न सरकारी संस्थाओं, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), विश्वविद्यालयों, विद्यालयों के प्रतिनिधियों तथा विशेषज्ञों और विद्वानों ने सक्रिय भागीदारी की। इस गोलमेज चर्चा का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की मौजूदा स्थिति, उससे जुड़ी चुनौतियों और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रभावी रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था।

कार्यक्रम का संचालन भूगोल विभाग की सहायक आचार्य डॉ. प्रिया देवी एवं डॉ. चेतना शर्मा तथा सिविल विभाग के सहायक आचार्य श्री कौशल साह द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

वक्ताओं ने वायु प्रदूषण को पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए गंभीर खतरा बताते हुए, स्वच्छ वायु सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयासों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता सुधार हेतु सरकारी संस्थानों, शैक्षणिक संगठनों और नागरिक समाज की साझा भागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

कार्यक्रम के अंत में, कुलपति प्रो. अजय तनेजा ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की चर्चाएं न केवल जागरूकता बढ़ाने में सहायक होती हैं, बल्कि ठोस कार्ययोजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन का आधार भी बनती हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस गोलमेज चर्चा से प्राप्त सुझाव भविष्य में उत्तर प्रदेश को स्वच्छ वायु की दिशा में अग्रसर करने में महत्त्वपूर्ण योगदान देंगे।

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