सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय, कानपुर में आई.आई.टी. कानपुर के संयुक्त सहयोग से वार्षिक हरीश-चंद्र व्याख्यान का सफल आयोजन

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सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय, कानपुर में आई.आई.टी. कानपुर के संयुक्त सहयोग से वार्षिक हरीश-चंद्र व्याख्यान का सफल आयोजन
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कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के आदरणीय मार्गदर्शन में हरीश-चंद्र केंद्र, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज़, सी.एस.जे.एम. विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा आई.आई.टी. कानपुर के संयुक्त सहयोग से वार्षिक हरीश-चंद्र व्याख्यान का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

यह आयोजन महान गणितज्ञ हरीश-चंद्र की अमर विरासत और आधुनिक गणितीय अनुसंधान पर उनके गहन प्रभाव को समर्पित था।

इस अवसर पर मुख्य व्याख्यान प्रोफेसर वी. कुमार मूर्ति, निदेशक लोढ़ा मैथमेटिकल साइंसेज़ इंस्टिट्यूट एवं पूर्व निदेशक फील्ड्स इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च इन मैथमेटिकल साइंसेज़, कनाडा, द्वारा प्रस्तुत किया गया।

प्रोफेसर मूर्ति ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की है।

उनका स्वागत डीन अकादमिक्स प्रोफेसर बृष्टि मित्रा द्वारा हार्दिक रूप से किया गया।

अपने प्रेरक व्याख्यान “रामानुजन और हरीश-चंद्र” में प्रोफेसर मूर्ति ने दोनों महान गणितज्ञों के गहन वैचारिक संबंधों को स्पष्ट करते हुए शुद्ध गणित की सुंदरता और उसकी सार्वभौमिकता पर प्रकाश डाला। उनकी प्रस्तुति की स्पष्टता, गहराई और विद्वत्ता ने सभी उपस्थित श्रोताओं को बौद्धिक रूप से समृद्ध और प्रेरित किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर अपर्णा दार, विभाग गणित, आई.आई.टी. कानपुर, के स्वागत के साथ हुआ। उन्होंने हरीश-चंद्र अनुसंधान केंद्र (जिसका उद्घाटन 18 अक्टूबर 2024 को हुआ था) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रोफेसर दार ने मुख्य वक्ता का शैक्षणिक परिचय प्रस्तुत करते हुए उनके उल्लेखनीय योगदानों को रेखांकित किया।

कार्यक्रम का पर्यवेक्षण माननीय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक द्वारा किया गया, जिनके सतत प्रोत्साहन और मार्गदर्शन ने विश्वविद्यालय में उच्च शैक्षणिक गतिविधियों को निरंतर प्रगति दी है। इस अवसर पर प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी (माननीय प्रो-वाइस चांसलर), प्रो. बृष्टि मित्रा (डीन अकादमिक्स), प्रो. सुधांशु पांड्या (डीन एडमिनिस्ट्रेशन), तथा प्रो. आर.के. द्विवेदी (निदेशक, स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज़) की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम की संयोजक डा. अंजु दीक्षित ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने प्रो. मूर्ति के प्रेरक व्याख्यान, प्रो. अपर्णा दार के मार्गदर्शन तथा सभी गणमान्य अतिथियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया।

विशेष धन्यवाद प्रो. सी.एस. अरविन्दा, प्रो. टी.एन. त्रिवेदी, एवं डा. सौरभ सिंह (आई.आई.टी. कानपुर) को कार्यक्रम की सफलता में उनके सहयोग हेतु दिया गया। साथ ही डा. पी.एन. पाठक, डा. इज़हार अली, डा. डी.के. सिंह तथा छात्र संयोजक पूर्णिमा तिवारी, सहयोग, और नंदिका त्रिवेदी को उनके समर्पित योगदान के लिए सराहा गया।

कार्यक्रम का समापन एक प्रेरणादायक वातावरण में हुआ, जिसमें गणितीय विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान को और सशक्त करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।

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