शीर्षक: अटल बिहारी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज़ द्वारा भीटी गाँव में विधिक सहायता शिविर आयोजित
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के अटल बिहारी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज़ के विधि छात्रों ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में...

छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के अटल बिहारी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज़ के विधि छात्रों ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में...
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के अटल बिहारी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज़ के विधि छात्रों ने कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक के मार्गदर्शन में तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) के सहयोग से एक विधिक सहायता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया।
यह शिविर कानपुर देहात के रसूलाबाद तहसील के अंतर्गत भीटी गाँव में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण समुदाय, विशेष रूप से महिलाओं को घरेलू हिंसा से संबंधित कानूनों की जानकारी देना और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना था।
इस कार्यक्रम में विधि छात्र आकाश शर्मा, राघव शुक्ला सहित लीगल एड कमेटी के अन्य सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की। शिविर के दौरान विधि छात्रों ने ग्रामीणों को बताया कि घरेलू हिंसा केवल शारीरिक हिंसा तक सीमित नहीं है, बल्कि मानसिक, भावनात्मक, आर्थिक और यौन शोषण भी इसकी श्रेणी में आते हैं। महिलाओं को समझाया गया कि पति या परिवार के सदस्यों द्वारा अपमानजनक व्यवहार, मानसिक उत्पीड़न, आर्थिक नियंत्रण या सामाजिक रूप से अलग-थलग करना भी घरेलू हिंसा के अंतर्गत आता है।
शिविर में ऋतिशा सिंह, प्रशांत शुक्ला तथा अन्य छात्रों ने ग्रामीणों को यह जानकारी दी कि महिलाएँ घरेलू हिंसा की शिकायत निकटतम पुलिस थाने में दर्ज करा सकती हैं या महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 एवं 181 पर संपर्क कर सकती हैं। इसके साथ ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), प्रोटेक्शन ऑफिसर और महिला कल्याण विभाग के माध्यम से उन्हें कानूनी सहायता व सुरक्षा प्राप्त हो सकती है।
कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने रैली निकाली, सभाएँ आयोजित कीं और घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया। ग्रामीण महिलाओं से संवाद कर उनकी समस्याएँ सुनीं और आवश्यक विधिक सहायता प्रदान की गई।
इस अवसर पर अटल बिहारी स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज़ की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती मयूरी सिंह, श्री ज्ञानेंद्र सिंह और श्री समरेन्द्र चौहान उपस्थित रहे। श्रीमती मयूरी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का लीगल एड क्लिनिक न केवल छात्रों के लिए व्यवहारिक प्रशिक्षण का माध्यम है बल्कि समाज के प्रति दायित्व निभाने का सशक्त साधन भी है। उन्होंने कहा कि छात्रों द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान विधि शिक्षा को सामाजिक जागरूकता से जोड़ता है।
शिविर के उपरांत ग्रामवासियों ने कार्यक्रम की सराहना की और विधि छात्रों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने गाँव में आकर घरेलू हिंसा के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने कहा कि परिवारों में महिलाओं और बच्चों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे घरों में हिंसात्मक व्यवहार में कमी आए और समाज अधिक सुरक्षित व संवेदनशील बने।
लीगल एड कमेटी ने इस गाँव को गोद लेकर ‘विवाद मुक्त ग्राम’ बनाने का संकल्प लिया है और आगे भी ऐसे ही अभियानों के माध्यम से न्यायिक जागरूकता फैलाने का कार्य जारी रखेगी।
ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि विश्वविद्यालय परिसर में प्रतिदिन सायं 4 बजे से 5 बजे तक लीगल एड क्लिनिक संचालित होता है, जहाँ कोई भी व्यक्ति निःशुल्क विधिक परामर्श प्राप्त कर सकता है।
कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह अभियान समाज में न्याय की भावना को सशक्त करता है और विधि छात्रों के सामाजिक उत्तरदायित्व बोध को प्रबल बनाता है।





