सीएसजेएमयू में शोध की पारदर्शिता और नैतिकता पर हुई विस्तृत चर्चा
कानपुर| छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कुलपति के निर्देशन में शोध की गुणवत्ता और नैतिकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक...

कानपुर| छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कुलपति के निर्देशन में शोध की गुणवत्ता और नैतिकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक...
कानपुर| छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में कुलपति के निर्देशन में शोध की गुणवत्ता और नैतिकता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता अनुसंधान एवं विकास की डीन डॉ. नमिता तिवारी ने की। इसमें सभी संयोजक और अकादमिक अनुसंधान समन्वयक शामिल हुए।
बैठक में क्लोन और शिकारी जर्नल, साहित्यिक चोरी , नैतिक लेखन तथा प्रतिष्ठित एवं अनुक्रमित जर्नलों जैसे स्कोपस और वेब ऑफ साइंस में प्रकाशन के महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई।
अनुसंधान एवं विकास प्रकोष्ठ के सहायक डीन डॉ. दीपेश कुमार वर्मा ने शिकारी और क्लोन जर्नलों के खतरों पर प्रकाश डाला, जो वैध प्रकाशनों की नकल तो करते हैं, लेकिन नैतिक समीक्षात्मक मानकों का पालन नहीं करते।
बैठक में साहित्यिक चोरी से बचने और नैतिक लेखन को प्रोत्साहित करने के उपायों पर भी जोर दिया गया। ईमानदारी और पारदर्शिता को शोध प्रकाशन की मूल भावना के रूप में दोहराया गया।
शोधार्थियों के बीच इस विषय की व्यापक समझ विकसित करने के लिए विभिन्न विषयों में संवाद सत्र आयोजित किए जाएंगे। अकादमिक अनुसंधान समन्वयक आगामी कार्यक्रम के अनुसार संबंधित डीन और अनुसंधान एवं विकास विभाग के माध्यम से विस्तृत सामग्री प्रस्तुत करेंगे।
बैठक के अंत में अनुसंधान संस्कृति को और सशक्त बनाने हेतु प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन डॉ. श्वेता पांडे, सह डीन (आर एंड डी) द्वारा किया गया। वहीं, पीएचडी पाठ्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ. मनस उपाध्याय ने पीएचडी पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी साझा की, जिसकी कक्षाएं 17 नवम्बर 2025 से प्रारंभ होंगी।





