जैन शोध पीठ के प्रणेता ने दी प्रथम बार दीक्षाएँ

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जैन शोध पीठ के प्रणेता ने दी प्रथम बार दीक्षाएँ
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छत्रपति शाहू जी महाराज वि.वि., कानपुर में स्थित आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोध पीठ के मूल प्रेरणा स्रोत तीर्थचक्रवर्ती श्रमण शिरोमणि मुनिपुंगव श्री सुधासागर महाराज के कर कमलों द्वारा विशाल जन-समूह के मध्य संघस्थ पूज्य क्षुल्लक वरिष्ठसागर, विदेहसागर सहित 12 अन्य ब्रह्मचर्य साधक श्रावकों को भव्य समारोह में दिनांक 23 नवम्बर 2025 को दर्शनोदय तीर्थक्षेत्र थूबौन जी मध्यप्रदेश में विशाल पांडाल में ऐलक दीक्षा प्रदान की गयी | इस अवसर पर दर्शनोदय तीर्थक्षेत्र पर लगभग 50 हजार श्रावक-श्राविकाओं का विशाल समूह समुपस्थित था | पूज्य मुनिपुंगव सुधासागर महाराज का जैन तीर्थक्षेत्रों के जीर्णोद्धार, नव तीर्थों के सृजन में तथा श्रमण संस्कृति संस्थान, सुधासागर महाराज बालिका आवासीय संस्थाओं में उल्लेखनीय योगदान के साथ शैक्षणिक जगत, में उनका महनीय उपकार है | कानपुर विश्वविद्यालय में आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोधपीठ के वे मूल प्रेरणा स्रोत हैं |

जिसमें इस समय जैन दर्शन एवं प्राकृत विषयों में शताधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं | श्रावक संस्कारों के निर्वाण में भी उनका महत्वपूर्ण अवदान है | जिसमें सम्मिलित हजारों साधक संयममय जीवन को अपनाकार अपनी आत्मा का कल्याण कर रहे हैं | इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उन्होंने इस पीठ के मार्गदर्शक प्रो. विनय कुमार पाठक, कुलपति को विशेष शुभाशीष के साथ इस शोध पीठ के न्यासीगणों जैसे- प्रदीप जैन ‘तिजारा वाले’, सी.ए. सुधीन्द्र जैन, श्री महेंद्र कुमार कटारिया, सी.ए. अरविंद कुमार जैन, श्री विनीत जैन, आमोद जैन आदि को अपना आशीर्वाद प्रदान किया | इस संयममय महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शोध पीठ के निदेशक प्रो. अशोक कुमार जैन तथा प्राध्यापक आचार्य राहुल जैन ने विशेष सहभागिता की | वहाँ का दृश्य अनुपम एवं वैराग्यवर्धक था | शोध पीठ के प्रेरणा स्रोत पूज्य मुनिपुंगव सुधासागर महाराज ने प्रथम बार 14 गुणस्थानों के प्रतीक स्वरूप 14 साधकों को ऐलक दीक्षाएँ प्रदान की है | उनका यह अवदान श्रमण संस्कृति को ऐतिहासिक बनाने में विशेष योगदान देगा | हम सभी उनके इस अवदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं |

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