भाषा विश्वविद्यालय: एनोन्स आधारित यौगिकों के संश्लेषण में नई विधि विकसित करने में डॉ. अजय कुमार यादव की उपलब्धि

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रसायन विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि सामने आई है। “Direct N-Me/N-H Aziridination of Enones” शीर्षक से यह शोध डॉ. अजय कुमार यादव, रसायन विज्ञान विभाग, विज्ञान संकाय द्वारा किया गया है। इस अध्ययन में एनोन्स आधारित यौगिकों के संश्लेषण की एक नई, प्रभावी और सामान्य विधि विकसित की गई है।

इस शोध की प्रमुख विशेषता यह है कि यह चाल्कोन्स के लिए N-Me एज़िरिडिनेशन की पहली प्रत्यक्ष और सामान्य विधि प्रस्तुत करता है। इसके साथ ही यह विनाइल कीटोन्स पर N-Me एज़िरिडिनेशन की पहली रिपोर्ट है। इसके अतिरिक्त, यह विधि एनोन्स के लिए N-H एज़िरिडिनेशन में भी सफलतापूर्वक लागू की जा सकती है।

यह शोध कार्य डॉ. जवाहर लाल जाट के मार्गदर्शन में सिंथेटिक ऑर्गेनिक केमिस्ट्री लेबोरेटरी (SOCL), बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (एक केंद्रीय विश्वविद्यालय), लखनऊ में संपन्न किया गया। इस महत्वपूर्ण शोध को अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा प्राप्त हुई है और इसे Journal of Organic Chemistry (JOC) में प्रकाशित किया गया है।

इस अभिनव शोध को 44वें वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन – इंडियन काउंसिल ऑफ केमिस्ट्स में डॉ. अजय कुमार यादव द्वारा प्रस्तुत किया गया, जो 22 से 24 दिसंबर 2025 के दौरान केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हुब्बल्ली, कर्नाटक में आयोजित हुआ। सम्मेलन का आयोजन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एडवांस्ड साइंसेज़ द्वारा किया गया था। इस अवसर पर डॉ. अजय कुमार यादव को उनकी उत्कृष्ट मौखिक प्रस्तुति के लिए Prof. S. M. L. Gupta Memorial 2025 Award for the Best Oral Presentation से सम्मानित किया गया।

डॉ. अजय कुमार यादव के अनुसार, यह नई विधि जैविक रूप से प्रभावशाली अणुओं के संश्लेषण में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो सकती है। इस शोध के परिणामस्वरूप भविष्य में कैंसर रोधी, एंटीवायरल तथा एंटीफंगल दवाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की संभावना है।

यह शोध न केवल सिंथेटिक ऑर्गेनिक केमिस्ट्री के क्षेत्र में एक नया मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि औषधीय रसायन विज्ञान के क्षेत्र में भी इसके दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।

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