अस्वीकृति के बाद कैलाश खेर करना चाहते थे आत्म हत्या! जानिए पूरा सच

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अस्वीकृति के बाद कैलाश खेर करना चाहते थे आत्म हत्या! जानिए पूरा सच

अस्वीकृति के बाद कैलाश खेर करना चाहते थे आत्म हत्या! जानिए पूरा सच

रब्बा इश्क न होवे' और 'अल्ला के बंदे हंस दे..' से गीत-संगीत की दुनिया में पहचान बनाने वाले कैलाश खेर ने बहुत कम समय में ही अपना मुकाम बना लिया। सूफी सिंगर कैलाश खेर ने म्यूजिक इंडस्ट्री में 15 साल पूरे कर लिए हैं। उन्होंने बतौर इंडिपेंडेंट म्यूजिशियन म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा और अपनी आवाज और गानों से लोगों के दिलों पर राज किया। आज कैलाश खेर की गिनती भारतीय सिनेमा के बेहतरीन गायकों में होती है। सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी कैलाश खेर की तूती बोलती है। कैलाश खेर ने अपने सफर को किया यादएक दौर ऐसा भी आया जब हर दूसरी फिल्म में कैलाश खेर का गाना हुआ करता था। कैलाश खेर म्यूजिक इंडस्ट्री में पद्मश्री से पाने वाले सबसे कम उम्र के गायक हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में कैलाश खेर ने अपने जर्नी को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा, 'मेरी जर्नी बहुत सुंदर रही हैं। शुरुआत में किसी ने मेरे अंदर विश्वास नहीं जताया। एक वक्त ऐसा भी आया जब मैं टूट गया। मैंने बहुत सारे रिजेक्शन देखे और इसकी आदत हुई। लेकिन इससे मैं कभी भटका नहीं। अब 15 साल हो गए हैं और भगवान की कृपा से, मैं संगीत के क्षेत्र में पद्म श्री पुरस्कार पाने वाला सबसे युवा हूँ। हालांकि मुझे यह 2017 में मिला, इसके लिए मेरा पहला नामांकन 2013 में आया जब एक अलग सरकार सत्ता में थी।

म्यूजिक एक थेरैपी है :

कैलाश खेरकैलाश खेर ने आगे कहा, 'म्यूजिक सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए नहीं है। ये एक थेरैपी है। भारत अपने आप में एक दुनिया है और जब मेरे देश में लोग मुझे बधाई देते हैं, तो यह मेरे लिए बहुत मायने रखता हैं। जब लोग मुझे बताते हैं कि मेरे म्यूजिक ने उन्हें एक नया जीवन दिया है, चीजों को देखने का एक नया दृष्टिकोण दिया है, यह मुझे खुश करता है। ऐसे कई लोग हैं जो मेरी प्रशंसा करते हैं, लेकिन जब मैं इस तरह के शब्द सुनता हूं, तो मुझे लगता है कि मुझे मेरा असली इनाम मिला हैं।

कैलाश खेर ने अपने बुरे दौर को किया यादकैलाश खेर ने अपने बुरे दौर को याद करते हुए कहा, 'मेरे पास कोई नहीं था और यही मुझे प्रभावित करता है। जब मैं मुंबई आया, तो मुझे बहुत सारे रिजेक्शन का सामना करना पड़ा। मुझे जीवन में इतना दुख हुआ कि मैंने खुद को मारने की भी कोशिश की। मैंने सब कुछ खो दिया था हारने के लिए और कुछ नहीं था और यही मुझे प्रेरित करता हैं।

अदिती गुप्ता

Tags:    kalash khermusic
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