भारत में महिला देवी के रूप में पूजी जाती है उसको परिवार की दहलीज लांघते देख दर्शको का क्या रुख होगा ये समय बताएगा

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भारत में महिला देवी के रूप में पूजी जाती है उसको परिवार की दहलीज लांघते देख दर्शको का क्या रुख होगा ये समय बताएगा
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बचपन एक्सप्रेस फिल्म समीक्षा

फिल्म : हसीन दिलरुबा

निर्देशक : विनिल मैथ्यू

समीक्षक : अंकित दीक्षित : फिल्म मेकर , फिल्म समीक्षक

निर्देशक विनिल मैथ्यू की फिल्म हसीन दिलरुबा रोमांस और बदले का तीखा कॉकटेल है | फिल्म एक आधुनिक सोच की लड़की रानी कश्यप (तापसी पन्नू) के इर्द गिर्द घुमती है जो अपनी शादीशुदा जिंदगी से परेशान है|

उसको लगता है कि उसका पति रिशू (विक्रांत मैसी) उसको खुश नहीं रखता | रानी को दिनेश पंडित के क्राइम उपन्यास पढना बेहद पसंद है और उसमे लिखी बाते के आधार पर अपने जीवन का आकलन करती रहती है |

रिशू फिल्म मे रानी की खूबसूरती के आगे बहुत नर्वस रहता है | रानी, रिशू को रिझाने की पूरी कोशिश करती है पर नाकामी मिलने पर रानी एक फेम्मे फेटल बनकर अपनी शारीरिक जरुरतो के आगे अपने रिशू के मौसेरे भाई नील (हर्षवर्धन राणे) के साथ मर्यादा लाघने मे भी बिलकुल संकोच नहीं करती|

पर एक दिन नील रानी को बिना कुछ बताए चला जाता है | रानी आत्मग्लानी से भरकर रिशू को सारा सच बता देती है | रानी को दिलोजान से चाहने वाले को रिशू को सच जानकार इतना झटका लगता है कि वो बदले की भावना मे रानी की हत्या करना चाहता है |

फिल्म की कहानी आज के जीवन में संबंधो के नये आयाम को तलाशती है |

हलाकि हमेशा से भारत के दर्शक हीरो के कई सम्बन्ध देखते आ रहे है और जब उन्हें महिला पात्र की बेवफाई और वो भी पत्नी के रूप में दिखाया गया , तो वो उसको किस तरह से लेंगे ये फिल्म की सफलता या असफलता तय करेगी |

भारत में महिला देवी के रूप में पूजी जाती है उसको परिवार की दहलीज लांघते देख दर्शको का क्या रुख होगा ये समय बताएगा |

तापसी पन्नू की एक्ट‍िंग तारीफ करने को मजबूर कर देगी वही विक्रांत मैसी भी अपनी छाप छोड़ने मे सफल रहे फिल्म नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है |


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