सकारात्मक नजरिया और चुनौतियों से लड़ते रहना मेरे लिए महत्वपूर्ण - शिवानी चक्रवर्ती
शिवानी चक्रवर्ती गांव प्रेमियों के पहले मनोरंजन चैनल आजाद के नए शो 'पवित्रा भरोसे का सफर' में रेखा ठाकुर के किरदार को लेकर इन दिनों खासी चर्चा में...

शिवानी चक्रवर्ती गांव प्रेमियों के पहले मनोरंजन चैनल आजाद के नए शो 'पवित्रा भरोसे का सफर' में रेखा ठाकुर के किरदार को लेकर इन दिनों खासी चर्चा में...
शिवानी चक्रवर्ती गांव प्रेमियों के पहले मनोरंजन चैनल आजाद के नए शो 'पवित्रा भरोसे का सफर' में रेखा ठाकुर के किरदार को लेकर इन दिनों खासी चर्चा में हैं। शिवानी ठाकुर परिवार की बड़ी बहू का रोल निभा रही हैं। उन्हें वो प्यार और सम्मान नहीं मिलता, जो एक बड़ी बहू को मिलना चाहिए। शिवानी का जन्म और परवरिश मध्य प्रदेश के खंडवा में हुई है। उन्होंने 2005 में 'मिस नासिक' का खिताब जीता है और बूगी वूगी में दो बार फाइनलिस्ट रही हैं। उनके कुछ बेहतरीन कामों में निमकी मुखिया, निमकी विधायक, शक्ति, मिसेज कौशिक की पांच बहुएं, जुगनी चली जालंधर, ऐसे करो ना विदा, तारक मेहता का उल्टा चश्मा और अजब गजब घर जमाई जैसे पाॅपुलर शो शामिल हैं। यहां पर शिवानी ने नए शो पवित्रा भरोस का सफर और बहुत कुछ अन्य बिंदुओं पर बातचीत की।
शिवानी से हुई बातचीत के मुख्य अंश---
- किस बात से प्रेरित होकर 'पवित्रा भरासे का सफर' स्वीकार किया?मुझे इस शो का कॉन्सेप्ट वाकई पसंद आया। यह महिला सशक्तिकरण के बारे में एक बहुत ही प्रगतिशील और अच्छा विषय है। एक महिला होने के नाते मैं इसे आज के समय में बहुत अच्छा टॉपिक मानती हूं। दर्शकों तक इस संदेश को पहुंचाने के लिए पवित्रा को एक बहुत मजबूत किरदार के रूप में दिखाया गया है। पवित्रा में मेरा किरदार भी दमदार और सकारात्मक है। आज भी, कई घरों में लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है, और समाज के लिए यह जरूरी है कि लोग अपनी मानसिकता बदलें और महिलाओं को शिक्षित,
आर्थिक रूप से स्वतंत्र और अपने एवं अपने परिवार की देखभाल करने में सक्षम बनाएं।
- शो में अपने रोल के बारे में बताएं?
रेखा ठाकुर, ठाकुर परिवार की बड़ी बहू हैं। वो बहुत ही सरल और सकारात्मक किरदार है जो एक गरीब परिवार से हैं और ठाकुर परिवार में ब्याही गई हैं। वो दहेज नहीं दे सकी थीं, इसलिए घर में उनकी कोई नहीं सुनता और उन्हें हमेशा चुप रहना पड़ता है। यहां तक कि उन्हें खरी-खोटी सुनाई जाती है। एक मां होते हुए भी वो अपने बेटे को प्यार नहीं दे सकतीं या अपना अधिकार नहीं जता सकतीं। उन्हें वो प्यार और सम्मान
नहीं मिलता, जो एक बड़ी बहू को मिलना चाहिए।
- आपने शो के लिए कैसे तैयारी की?
अपने शो के लिए तैयारी करना हर एक्टर के लिए बहुत जरूरी होता है। जैसे ही मुझे अपनी भूमिका के बारे में पता चला, मैं उत्साहित हो गई और इसे लेकर काम शुरू कर दिया,
क्योंकि यह पहली बार है जब मैंने इतना शांत और शालीन किरदार निभाया है। मैं हमेशा अपने निर्देशक के निर्देशों का पालन करने की कोशिश करती हूं और चूंकि मैं नीलू वाघेला जी जैसी बेहतरीन अदाकारा के साथ स्क्रीन शेयर कर रही हूं तो वे
मुझे बेहतर काम करने में भी मदद करती है।
- इस समय महामारी के बीच शूटिंग करने का अनुभव?
इस महामारी के बीच शूटिंग करना और घर से बाहर काम करना बहुत मुश्किल है। हालांकि मैं दोनों वैक्सीन लगवा चुकी हूं, फिर भी मेरे मन में थोड़ा डर लगा रहता है कि हम बाहर जा रहे हैं और खुद को एक अज्ञात वायरस के संपर्क में ला रहे हैं जिसने इतने सारे लोगों की जान ले ली है।
- आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है?
जीवन में हर चीज के प्रति सकारात्मक नजरिया और चुनौतियों से लड़ते रहना मेरे लिए महत्वपूर्ण है और अपने चेहरे पर मुस्कान जरूरी है।
- आप एक्टर कैसे बनीं?
हर किसी का एक सफर और एक बैकस्टोरी होती है। मेरी भी है और मेरी यात्रा काफी उतार-चढ़ाव भरी रही है, क्योंकि मैं कोरियोग्राफर बनना चाहती थी। और फिर, मैंने मॉडलिंग की थी और मिस नासिक 2005 का टाइटिल जीता, क्योंकि मैं फैशन
डिजाइनिंग सीखने के लिए नासिक में रहती थी। मुझे डांस करना पसंद है और मैं डांस में कुछ करना चाहती थी। डांस मेरा शौक और जुनून है। मुंबई आने के बाद मैंने कोरियोग्राफर्स को भी असिस्ट किया, लेकिन तकदीर ने मेरे लिए कुछ और ही तय कर रखा था और मैं एक्टर बन गई।
- टीवी पर काम करना आपको क्यों आकर्षक लगता है?
टेलीविजन में काम करना किसे पसंद नहीं होगा, क्योंकि यह आपको भारत के हर घर तक पहुंचने का मौका देता है। यह मनोरंजन के माध्यम से एक संदेश देता है। टेलीविजन
आपको हर घर में फेमस कर देता है और हर कोई इसे चाहता है। सुर्खियों में रहने के लिए, प्रसिद्धि पाने के लिए और अपने परिवार को गर्व महसूस कराने के लिए... टीवी पर एक्टिंग
करने से मुझे ये सब और बहुत कुछ मिलता है। यह अब तक रचनात्मक रूप से एक बहुत ही संतोषजनक सफर रहा है।





