लखनवी अंदाज़ में कुछ तो जादू जरूर है- अंबरीश बॉबी

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लखनवी अंदाज़ में कुछ तो जादू जरूर है- अंबरीश बॉबी
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भाषाई और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषावाद के बारे में जागरूकता के लिये 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (इंटरनेशनल मदर लैंग्वेज डे) मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर लखनऊ के मूल निवासी अंबरीश बॉबी ऊर्फ एण्डटीवी के लोकप्रिय शो 'और भई क्या चल रहा है?' के रमेश प्रसाद मिश्रा कहते हैं, ''लखनवी अंदाज़ में कुछ तो जादू जरूर है। कुछ शब्द केवल स्थानीय लोग ही जानते हैं और उनका अनुवाद नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे उनका आकर्षण खत्म हो जाता है। जैसे, रंगबाज़ी (अकड़), भौकाल (भव्य), अमां यार! (एक तरह की अभिव्यक्ति), चीकाट" या "खटिक" (रोडसाइड रोमियो के संदर्भ में), कंटाप (थप्पड़), तफरी (चिल करना), भैया, टूटे देना (चेंज, छुट्टा) और ऐसे ही कई शब्द। किसी भी मातृभाषा की सुंदरता उसका अनूठापन, उसकी बनावट और गौरव है। हर भाषा पर गर्व होना चाहिये और उनका सम्मान किया जाना चाहिये।''

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