आरजे से टीवी एक्टर बने हितेश भारद्वाज
लोकप्रिय शो 'इस मोड़ से जाते हैं' में संजय पाठक की भूमिका से वाहवाही बटोर रहे हितेश भारद्वाज अपने स्तर पर अपने आरजे के काम और कविताएं लिखने के लिए का...


लोकप्रिय शो 'इस मोड़ से जाते हैं' में संजय पाठक की भूमिका से वाहवाही बटोर रहे हितेश भारद्वाज अपने स्तर पर अपने आरजे के काम और कविताएं लिखने के लिए का...
लोकप्रिय शो 'इस मोड़ से जाते हैं' में संजय पाठक की भूमिका से वाहवाही बटोर रहे हितेश भारद्वाज अपने स्तर पर अपने आरजे के काम और कविताएं लिखने के लिए का समय निकाल ही लेते हैं। हिंदी टेलीविजन इंडस्ट्री में ऐसे बहुत-से एक्टर्स हैं, जो रेडियो की पृष्ठभूमि से आए हैं। बता दें कि एक्टर हितेश भारद्वाज यानी कि संजय ने एक अनोखा कदम उठाया और इस मोड़ से जाते हैं में लीड रोल मिलने के बावजूद उन्होंने रेडियो स्टेशन में आरजे का काम जारी रखा है। टेलीविजन इंडस्ट्री में आने से पहले हितेश की प्रभावशाली आवाज और कविताएं लिखने की लगन के चलते वो शहर के मशहूर रेडियो जॉकी (आरजे) में से एक बन गए थे। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपनी शब्दों की जादूगरी से लोगों का दिल जीतने के साथ-साथ अपनी एक्टिंग की काबिलियत से हम सबका मनोरंजन भी किया है। आरजे के रूप में तारीफें और शोहरत हासिल करने के बाद उन्होंने एक्टिंग के पेशे में भी करियर बनाने का फैसला किया। आज वो एक बढ़िया आरजे और एक बेहतरीन एक्टर हैं, जिन्होंने अपनी लगन और टैलेंट से हम सभी को प्रभावित कर दिया है।
अपनी इस दोहरी भूमिका का मजा लेते हुए यह एक्टर अपने टीवी शो 'इस मोड़ से जाते हैं' के साथ-साथ अपने रेडियो शो की प्रतिबद्धताओं को भी पूरा कर रहे हैं। साथ ही वो छोटे पर्दे पर संजय जैसा चुनौतीपूर्ण रोल निभाकर अपनी मल्टी-टास्किंग भी जारी रखना चाहते हैं। अपनी शूटिंग के लंबे घंटों के बाद वो बड़े उत्साह से अपने दोनों कामों के बीच संतुलन बना लेते हैं। असल में उन्होंने 'इस मोड़ से जाते हैं' के सेट पर एक रिकॉर्डिंग सेटअप लगा लिया है और उन्होंने सेट से ही अपने रेडियो शोज़ की रिकॉर्डिंग शुरू कर दी है। है ना यह गजब का टैलेंट! गौरतलब है कि 'इस मोड़ से जाते हैं' शो सोमवार से शनिवार शाम साढ़े छह बजे ज़ी टीवी पर प्रसारित है!