'बाल शिव' के कलाकारों ने भगवान शिवकी नगरी वाराणसी में मनाई 'देव दीपावली'
देव दीपावली शिव की नगरी वाराणसी में सबसे ज्यादा उत्साह से मनाये जाने वाले त्यौहारों में से एक है। इस साल त्यौहार की भव्यता और भी बढ़ गई, जब एण्डटीवी...
देव दीपावली शिव की नगरी वाराणसी में सबसे ज्यादा उत्साह से मनाये जाने वाले त्यौहारों में से एक है। इस साल त्यौहार की भव्यता और भी बढ़ गई, जब एण्डटीवी...
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देव दीपावली शिव की नगरी वाराणसी में सबसे ज्यादा उत्साह से मनाये जाने वाले त्यौहारों में से एक है। इस साल त्यौहार की भव्यता और भी बढ़ गई, जब एण्डटीवी के आगामी शो 'बाल शिव' के कलाकार भगवान शिव की नगरी वाराणसी पहुँचे और नई शुरूआत के लिये उत्सव में शामिल हुए। बाल शिव (आन तिवारी), महासती अनुसुइया (मौली गांगुली), महादेव (सिद्धार्थ अरोड़ा) और देवी पार्वती (शिव्या पठानिया) अस्सी घाट गये,जहां उन्होंने अपने प्रशंसकों का अभिवादन किया और दिये जलाकर भव्य देव दीपावली मनाई। 'बाल शिव'का प्रीमियर 23 नवंबर को होगा इसका प्रसारण सोमवार से शुक्रवार रात आठ बजे किया जायेगा।
महादेव की इस अनदेखी गाथा में माँ महासती अनुसुइया और उनके बेटे बाल शिव की पौराणिक कथा और उनका शाश्वत सम्बंध दिखाया जाएगा। अनंत और अजन्मे माने जाने वाले भगवान शिव ने कई अवतार लिये हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी बचपन और माँ के प्यार का अनुभव नहीं किया। हालांकि, देवी पार्वती के साथ अपने विवाह के बाद महादेव एक बच्चे का रूप धारण कर देवी पार्वती की इच्छा पूरी करने के लिए बाल रूप धारण करते हैं और महासती अनुसुइया के आज्ञाकारी बेटे बन जाते हैं!
शो के बारे में एण्डटीवी के बिजनेस हेड विष्णु शंकर कहते हैं, ''भारतीय पौराणिक कथाओं में असाधारण कहानियों का खजाना है और उनके प्रति हमारा आकर्षण असीम है। हम सभी उन्हें बचपन से कई बार सुनते हुए बड़े हुए हैं और फिर भी हम उन्हें बार बार सुनना और देखना पसंद करते हैं। उनका आकर्षण कभी भी कम नही होता। इनमें भगवान शिव और उनके विभिन्न अवतारों की किंवदंतियां और कथाएं हैं। पर उनका एक रूप है जिसके बारे में शायद ही कभी ज्यादा बताया या फिर दीखाया गया है। वह है उनका बाल रूप। शो 'बाल शिव' के मध्यम से महादेव की इस बाल रूप की अनकही, अनदेखी गाथा और माँ अनुसुया के साथ उनके खूबसूरत रिश्ते की कहानी।''