'भाभी जी घर पर हैं' के आसिफ शेख का नाम वल्र्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स

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भाभी जी  घर पर हैं के आसिफ शेख का नाम वल्र्ड बुक ऑफ रिकाॅर्ड्स


में जाने-माने एक्टर आसिफ शेख अपनी बेहतरीन काॅमिक टाइमिंग और वर्सेटाइल एक्टिंग के लिये हर दिल-अज़ीज हैं। उन्होंने अपने कॅरियर में सभी भूमिकायें और किरदार बखूबी निभाये हैं और दुनियाभर में अपने प्रशंसकों का दिल जीता है। लोकप्रिय शो 'भाबीजी घर पर हंै'ं में विभूति नारायण मिश्रा के उनके रोल ने उन्हें कई पुरस्कार, बहुत सारा प्यार और सम्मान दिलाया है। अब आसिफ शेख ने एक और उपलब्धि हासिल की है और उन्हें इंडियन पीपुल्स थियेटर असोसिएशन (आईपीटीए) ने फिल्म, स्टेज और टेलीविजन के क्षेत्र में उनके बेजोड़ योगदान के लिये वल्र्ड बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स में शामिल किया है।

आसिफ ने अपने एक्टिंग कॅरियर की शुरूआत 1984-85 में की थी और उन्होंने बाॅलीवुड तथा टेलीविजन के कई प्रोजेक्ट्स में काम किया। इस तरह वे भारतीय टेलीविजन के सबसे जाने-माने चेहरों और बेहतरीन परफाॅर्मर्स में से एक बन गये। वल्र्ड बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स में शामिल होने से बेहद प्रसन्न आसिफ शेख, यानि विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, ''इस

सम्मान को पाकर मैं बहुत खुश हूँ और मेरे लिये इसके बहुत मायने हैं।

मैंने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक लंबा सफर तय किया है। इस बेहतरीन सफर में जिसने भी मेरा साथ दिया, उसका मैं आभारी हूँ, जैसे मेरे सभी को-एक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स, टेक्निकल और क्रियेटिव टीमें, सपोर्ट स्टाफ, और सबसे महत्वपूर्ण, मेरे दर्शक और प्रशंसक। मैंने अपने थियेटर कॅरियर से शुरूआत की, फिर बाॅलीवुड के कुछ प्रोजेक्ट्स किये और

फिर टेलीविजन पर आया। टेलीविजन ने मुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे शोहरत और पहचान दिलाई है और मुझे हर घर में जाना-पहचाना नाम बना दिया है।''

एण्डटीवी के 'भाबीजी घर पर हैं' में विभूति के किरदार की लोकप्रियता के बारे में उन्होंने कहा, ''यह जानकर बहुत अच्छा लगता है कि विभूति के किरदार को दर्शकों ने काफी पसंद किया है, उसकी काॅमिक टाइमिंग के अलावा, खासकर उसके अलग-अलग गेटअप्स के कारण। 'भाबीजी घर पर हैं' में

मैंने 300 से ज्यादा किरदार किये हैं, जो अपने आप में एक अपवाद और रिकाॅर्ड है। मेरे लिये एक्टिंग का मतलब रहा है अपने किरदार में डूब जाना और उसके नजरिये से जिन्दगी को समझना। इसमें मैंने बहुत कुछ सीखा और खुद की ग्रोथ की, क्योंकि इनमें से ज्यादातर रोल एक-दूसरे से पूरी तरह अलग

थे। उदाहरण के लिये बाबा कबूतर, इटालियन डाॅन विटो पैपाराजी, आदि को लिया जा सकता है। इन सभी का लुक और गेटअप अलग था और उनके गुण, अभिव्यक्ति, संवाद, आदि में भी अंतर था। एक लुक को सही ढंग से अपनाने के पीछे पूरी टीम हफ्तों तक चर्चा और रिसर्च करती है और फिर विभूति का मेन कैरेक्टर लीजिये, एक ही शो के एक किरदार में इतनी वैरायटी मिलना दुर्लभ है!

ऐसे अवसर जिंदगी में एक ही बार मिलते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि यह चुनौतियों से भरा है। लेकिन मेरा सौभाग्य है कि मुझे इनमें से हर किरदार को निभाने में पूरा मजा आया। सबसे ज्यादा संतोष तब मिलता है, जब आपके काम की सराहना होती है। यह सम्मान मेरे लिये बहुत बड़ी प्रेरणा और प्रोत्साहन बनेगा, ताकि मैं वह काम जारी रख सकूं, जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, और वह काम है एक्टिंग।''

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