भीमराव का बैरिस्टर बनने का पहला पड़ाव
एण्डटीवी के 'एक महानायक डाॅ बी.आर. आम्बेडकर' के युवा भीमराव (अथर्व) ने असिस्टेंट के तौर पर बैरिस्टर के आॅफिस में एक मामला सुलझाकर अपनी काबिलियित साबित...
एण्डटीवी के 'एक महानायक डाॅ बी.आर. आम्बेडकर' के युवा भीमराव (अथर्व) ने असिस्टेंट के तौर पर बैरिस्टर के आॅफिस में एक मामला सुलझाकर अपनी काबिलियित साबित...
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एण्डटीवी के 'एक महानायक डाॅ बी.आर. आम्बेडकर' के युवा भीमराव (अथर्व) ने असिस्टेंट के तौर पर बैरिस्टर के आॅफिस में एक मामला सुलझाकर अपनी काबिलियित साबित की है। वहीं दूसरी तरफ, उसे अपने दृढ़ निश्चय का भी फल मिला है। इसके साथ ही, रामजी (जगन्नाथ निवानगुने) और उसके बीच का मनमुटाव भी मिट गया। अपने बेटे को बैरिस्टर बनने के सपने की तरफ कदम बढ़ाते हुए देखकर रामजी ने युवा भीमराव और रमाबाई (नारायणी महेश वरणे) का घर में स्वागत किया। इस बात से सारे लोग बहुत खुश थे, जबकि जीजा बाई (स्नेहा
मंगल) उनके घर वापस आने पर खुश नहीं है। नरोत्तम (विक्रम द्ववेदी) भी, यह देखकर नाखुश है कि युवा भीमराव को उसके लायक नौकरी मिल गयी है। इस ट्रैक के बारे में अथर्व कहते हैं, ''यह युवा भीमराव के लिये सचमुच परीक्षा की घड़ी थी, क्योंकि उसे अपनी बहन की मदद के लिये नौकरी ढूंढनी ही थी। लेकिन ऐसा कहा जाता है कि हर अंधेरी रात के बाद सबेरा जरूर होता है। युवा भीमराव ने ना केवल बैरिस्टर आॅफिस में एक सम्मानजनक नौकरी हासिल की, बल्कि अपने पिता के साथ समस्या को भी सुलझा लिया। वैसे, यह बात नरोत्तम और जीजाबाई को पसंद नहीं आई, जो लगातार बात बिगाड़ने के तरीके ढूंढते रहते हैं।'' मालूम हो कि एण्डटीवी पर 'एक महानायक डाॅ बी.आर.आम्बेडकर' शो सोमवार से शुक्रवार, रात साढ़े आठ बजे प्रसारित है।