नौ वर्षीया आरोही पटेल ने 'काशीबाई बाजीराव बल्लाल' के लिए सिर्फ चार दिन में सीखी घुड़सवारी!
दर्शकों को जोधा अकबर और झांसी की रानी की यात्राओं से रूबरू कराने के बाद अब ज़ी टीवी साल 2021 का सबसे बड़ा ऐतिहासिक महाधारावाहिक लेकर आ रहा है, जिसमें...
दर्शकों को जोधा अकबर और झांसी की रानी की यात्राओं से रूबरू कराने के बाद अब ज़ी टीवी साल 2021 का सबसे बड़ा ऐतिहासिक महाधारावाहिक लेकर आ रहा है, जिसमें...
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दर्शकों को जोधा अकबर और झांसी की रानी की यात्राओं से रूबरू कराने के बाद अब ज़ी टीवी साल 2021 का सबसे बड़ा ऐतिहासिक महाधारावाहिक लेकर आ रहा है, जिसमें मराठा साम्राज्य की सबसे प्रतिष्ठित महिलाओं में से एक काशीबाई बाजीराव बल्लाल की अनकही कहानी बताई जाएगी। इस शो में महान मराठा साम्राज्य और इसके गौरव एवं शौर्य की गाथा होगी, जिसे काशीबाई के नजरिए से दिखाया जाएगा। इसमें बड़े लाड़-प्यार और नाज़ों से पली एक लड़की की कहानी है, जो आगे चलकर एक कुशल नेतृत्व क्षमता वाली पेशविन बाई कहलाती हंै। वो एक उत्कृष्ट शासक थीं और जब बाजीराव बाहर मराठा साम्राज्य फैला रहे थे, तब उन्होंने किले की कमान संभाल रखी थी।
नवोदित बाल कलाकार आरोही पटेल इस शो में यंग काशीबाई का रोल निभाएंगी, जिसके बाद से आरोही अपने किरदार की बारीकियों और उसके गुणों को अपनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। अब ऐसा लगता है कि आरोही इस शो के लिए एक कदम आगे बढ़कर नई कलाएं सीख रही हैं। काशीबाई के घुड़सवारी सीखने वाले सीक्वेंस के लिए यंग एक्टर आरोही भी घुड़सवारी सीख रही हैं। काशीबाई एक अच्छी घुड़सवार मानी जाती थीं और ऐसे में इस शो के लिए 9 साल की आरोही ने भी इसे सीखने का चैलेंज लिया। असल में उन्हें घुड़सवारी की हर बात शुरू से सीखनी पड़ी और केवल 4 दिनों में आरोही को बड़ी आसानी से घोड़े की सवारी करना आ गया।
इस शो के लिए घुड़सवारी सीखने को लेकर चर्चा करते हुए आरोही पटेल ने कहा, ''जब मुझे बताया गया कि मुझे 'काशीबाई बाजीराव बल्लाळ' के लिए घुड़सवारी सीखनी होगी, तो मैं उस समय थोड़ी उत्साहित भी थी और नर्वस भी, लेकिन मैंने सही ट्रेनिंग ली और इन खास दृश्यों की शूटिंग के दौरान इस पूरी प्रक्रिया का मजा लिया। काशीबाई ने बचपन से घुड़सवारी सीखी थी और वो सबसे शानदार घुड़सवारों में से एक थीं, इसलिए मुझे पता था कि मुझे इन दृश्यों के साथ न्याय करना होगा। मैंने कड़ी मेहनत की और 4 दिन में ही मैंने घुड़सवारी की मूल बातें सीख लीं। मैं कहना चाहूंगी कि घुड़सवारी का सबसे मुश्किल हिस्सा था, कैंटरिंग और जब भी घोड़े की रफ्तार तेज होती तो मैं डर जाती थी। लेकिन मैं ये कहना चाहूंगी कि मैंने इसे बहुत एंजॉय किया। मेरी ट्रेनर ने मुझे वाकई बहुत अच्छे से सिखाया है और मैं पूरी टीम के सपोर्ट के लिए उनकी आभारी हूं। फिलहाल तो मैंने घोड़े के साथ सिर्फ दो ही दृश्यों की शूटिंग की है और आगे भी इस शो के लिए मुझे ऐसी और चुनौतीपूर्ण कलाएं सीखने का इंतजार है।''