अब देखिये क्या होता है - सुशांत सिंह के पोस्टमार्टम और विसरा की जांच रिपोर्ट आ गयी है

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अब देखिये क्या होता है - सुशांत सिंह के पोस्टमार्टम और विसरा की जांच रिपोर्ट आ गयी है
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डॉ सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता वाले पैनल जिसका गठन सुशांत सिंह की मौत की जांच के लिए किया गया था उसने अपनी रिपोर्ट सौप दी है - इस कमेटी को सीबीआई के अनुरोध पर बनाया गया था जिससे की सुशांत सिंह के पोस्टमार्टम और विसरा की रिपोर्ट को जांचा जा सके -

इस मामले में मुबंई पुलिस ने शुरू से ही लिपा पोती की है जिसके कारण ये केस भी आरुशी हत्या कांड की तरह एक गुत्थी बन कर रह जाएगा - सुशांत की मौत के घंटे भर भी नहीं हुआ की सोशल मीडिया से लेकर हर जगह उसके आत्महत्या की खबर आने लगी -

अगर एक बार मान भी ले की सुशांत ने आत्महत्या की थी तो क्या ये पुलिस की जिम्मेदारी नहीं थी की वो इस घटना की पूरी जांच के बाद ही बयान देती पर पुलिस को तो जैसे दिशा सालियान की तरह इसे भी तुरुन्त आत्महत्या घोषित करना था और केस को बंद करने की जल्दी थी -

अब जब इसमें सीबीआई और नारकोटिक्स ब्यूरो जैसे बड़ी संस्था जांच के लिए लग गयी तो मीडिया का एक धड़ा इस केस को ड्रग की तरफ ले जाता है और सारी जांच सुशांत की मौत से हट कर अब किसने ड्रग्स लिया और कौन सी पार्टी में ड्रग्स का इस्तेमाल किया गया इस पर चल गया है -

अभी तक नारकोटिक्स ब्यूरो ने कोई बड़ी गिरफ्तारी नही की है जो भी पकडे गए है वो प्यादे है और उनके पास से निकली ड्रग्स की मात्रा भी ड्रग्स के सेवन से जुडी है न कि ड्रग्स के व्यापार से - अब अगर इसे वो सफलता मानते है तो शर्म आनी चाहिए की इतनी बड़ी संस्था का काम अब नशेड़ियो को पकड़ने का हो गया है -

ड्रग्स का कारोबार दुबई और पकिस्तान के रास्ते होता है और ये कोई छुपी बात नहीं है - मुंबई फिल्म उद्योग में लोग नशे का शिकार है ये बात तो बच्चा भी बता देगा इसके लिए नारकोटिक्स ब्यूरो के जांच की क्या जरुरत है - कितना हास्यास्पद है की इतनी बड़ी संस्था अब तक इन हीरो –हेरोइन के नशे को पड़ताल कर रही है -

अगर करन जौहर ने पार्टी दी और उसमे नशे का इस्तेमाल हुआ तो उसको पकड़ने की जरुरत थी अपर लोगो से ये कबुलवाना की उस पार्टी में नशे का इस्तेमाल किया गया वो भी जोर जबरदस्ती से जिसकी चर्चा अब मीडिया में भी है तो इस संस्था के लिए मुश्किल की बात है -

एक तरह बीएमसी का इस्तेमाल कंगना के घर को ढहाने के लिए किया जाता है और दूसरी ओर ये राष्ट्रीय एजेंसी अब नशेडी को पकड़ने में लगी है जो स्थानीय पुलिस का काम है तो इससे ज्यादा किसी के लिए और क्या मुश्किल होगा -

कमाल तो ये है कि मीडिया का एक धड़ा तो एक महिला अदाकारा को मर्डरर बना दिया और अब वो जेल में है - अगर कही ये साबित हो गया की सब गलत था तो उस महिला के इज्जत से जो खिलवाड़ हो रहा है उसका जिम्मेदार कौन होगा - क्या मीडिया इसकी भरपाई करेगा , ये सोचने वाली बात है -

संस्थानों को भी अपनी इज्जत का ख्याल खुद रखना चाहिए , नेता आयेंगे और चले जायेंगे पर ये देश और उसकी संस्था में लोगो का विश्वास बने रहना चाहिए -


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