भारत में तमिल सिनेमा का इतिहास

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भारत में तमिल सिनेमा का इतिहास

भारत में तमिल सिनेमा का इतिहास 20वीं सदी की शुरुआत से है। पहली तमिल मूक फिल्म, कीचक वधम, 1918 में आर. नटराज मुदलियार द्वारा निर्देशित की गई थी। पहली तमिल बोलती फीचर फिल्म, कालिदास, भारत की पहली बोलती मोशन पिक्चर आलम आरा के सात महीने से भी कम समय बाद 31 अक्टूबर 1931 को रिलीज़ हुई थी।

Kalidas (1931) movie poster


तमिल सिनेमा के शुरुआती वर्षों में राजा सैंडो, पी. वी. कृष्णन और एम. के. त्यागराज भागवतर सहित कई अग्रणी फिल्म निर्माता शामिल थे। इन फिल्म निर्माताओं ने तमिल सिनेमा की नींव स्थापित करने में मदद की और उनके काम ने आने वाले दशकों में तमिल सिनेमा की सफलता के लिए आधार तैयार किया।

1950 और 1960 के दशक में तमिल सिनेमा ने स्वर्ण युग का अनुभव किया। इस अवधि में तमिल सिनेमा में कुछ सबसे प्रतिष्ठित शख्सियतों का उदय हुआ, जिनमें शिवाजी गणेशन, एम.जी.रामचंद्रन और एन.टी.रामा राव शामिल हैं। इन अभिनेताओं ने कई क्लासिक फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें थिरुविलैयादल (1959), कर्णन (1960), और मदुरै वीरन (1963) शामिल हैं।

Sivaji Ganesan (actor)


















M. G. Ramachandran (actor)








N. T. Rama Rao (actor)

1970 और 1980 के दशक में तमिल सिनेमा की लोकप्रियता बढ़ती रही। इस अवधि में रजनीकांत, कमल हासन और ममूटी सहित सितारों की एक नई पीढ़ी का उदय हुआ। इन अभिनेताओं ने कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें अपूर्वा रागंगल (1975), नायकन (1987), और नयागन (1987) शामिल हैं।

Rajinikanth (actor)








Kamal Haasan (actor)

1990 और 2000 के दशक में तमिल सिनेमा का विकास जारी रहा। इस अवधि में निर्देशकों की एक नई लहर का उदय हुआ, जो तमिल सिनेमा में एक नया दृष्टिकोण लेकर आए। इन निर्देशकों में मणिरत्नम, बाला और एस शंकर शामिल थे। उनकी फिल्में, जैसे रोजा (1992), नरसिम्हा (1991), और इंडियन (1996) ने तमिल सिनेमा को फिर से परिभाषित करने और इसे और भी लोकप्रिय बनाने में मदद की।

Mani Ratnam (director)


S. Shankar (director)



आज, तमिल सिनेमा भारत में सबसे लोकप्रिय फिल्म उद्योगों में से एक है। यह व्यावसायिक ब्लॉकबस्टर से लेकर आर्टहाउस फिल्मों तक, विभिन्न प्रकार की फिल्मों का निर्माण करता है। तमिल सिनेमा अपनी सशक्त महिला किरदारों के लिए भी जाना जाता है, और इसने भारतीय सिनेमा में कुछ सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों को जन्म दिया है, जैसे कि सावित्री, जयललिता और ज्योतिका।

Savitri (actress)


Jayalalithaa (actress)


तमिल सिनेमा का भारतीय संस्कृति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इसने तमिल भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद की है, और इसने तमिल लोगों की पहचान को आकार देने में भी मदद की है। तमिल सिनेमा एक जीवंत और रोमांचक उद्योग है और इसकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।






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