पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिया लोकसभा सदस्यों को बढ़ाने की सलाह
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की याद में आयोजित दूसरे मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र...
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की याद में आयोजित दूसरे मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र...
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की याद में आयोजित दूसरे मेमोरियल लेक्चर में बोलते हुए कहा कि भारतीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है ।संसद के दोनों सदनों में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाए ।
लोकसभा में मौजूदा वोटर संख्या के लिहाज से इनके सदस्यों की संख्या बढ़ाकर एक हजार तक करने की सलाह दी है और इसी अनुपात में राज्यसभा में भी सदस्यों की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया है ।संसद में कार्यवाही के दौरान सदस्यों के द्वारा की जाने वाली हंगामे को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि सांसद या कतई ना भूले कि उन्हें लाखों लोगों ने बड़ी उम्मीद से कुछ करने के लिए भेजा है और सांसदों को जनता के उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए |
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की याद में इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम दूसरे मेमोरियल लेक्चर में राष्ट्रपति सभा को संबोधित कर रहे थे उन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र की सफलता और चुनौतियां पर बोलते हुए कहा कि संसद की सदस्य संख्या बढ़ाने में बुनियादी ढांचे की भी फिलहाल कोई कमी आड़े नहीं आने वाली है|
उन्होंने सेंट्रल हॉल को लोकसभा लोकसभा को राज्यसभा और राज्यसभा को लोबिया सेंट्रल हॉल में तब्दील करने का सुझाव दिया उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में तमाम ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या भारत से काफी कम है इसके बावजूद वहां की संसद में सदस्यों की संख्या भारत के सांसदों से कहीं ज्यादा होती है उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटिश संसद में 650 सदस्य हैं कनाडा की संसद में 443 सदस्य हैं और अमेरिका के संसद में 535 सदस्य हैं ऐसे में हम पीछे नहीं रह सकते|
सांसदों की संख्या कम होने की वजह से वह वोटरों से सही मायने में नहीं जुड़ पाते हैं सरकार को इस बात पर गंभीरता से विचार करनी चाहिए सरकार मौजूदा संसद में जगह की कमी का हवाला देते हुए सुविधा युक्त नई संसद बनाने की तैयारी में भी जुटी हुई है|
इसके साथ ही पूर्व राष्ट्रपति ने बहुमत की सरकारों को सबको साथ लेकर चलने की भी सलाह दी उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की भी जमकर तारीफ की और कहा कि वह भारत के एक महान पुत्र थे जिन्होंने संसदीय लोकतंत्र की गरिमा को मजबूत बनाने के लिए बेहतर उदाहरण पेश किया था उन्हें सदैव साहसिक फैसले लेने के लिए याद किया जाएगा ।