हमके न पहचनला, एके ससपेंड कर्वावल जाय
नेता जी को एक पुलिस वाले द्वारा न पहचाना जाना इतना नागवार गुजरा की उन्होंने तत्काल उसे ससपेंड करने के लिए कह दिया...
नेता जी को एक पुलिस वाले द्वारा न पहचाना जाना इतना नागवार गुजरा की उन्होंने तत्काल उसे ससपेंड करने के लिए कह दिया...
नेता जी को एक पुलिस वाले द्वारा न पहचाना जाना इतना नागवार गुजरा की उन्होंने तत्काल उसे ससपेंड करने के लिए कह दिया |
महाराजा लोग मर गए पर नये राजा आ गए है इनको पहचान लीजिये और अगले चुनाव में ससपेंड कर दीजियेगा इनका यही इलाज है |
जनता और अधिकारियो को अपने पाँव की जूती समझने वाले नेताओ को अभी भी सीख सही से मिली नहीं है | जरा सी गलती और आवाज का गरूर देखिये प्रभारी मंत्री को नहीं पहचानता जैसे साहब सीधे ताजमहल और कुतुबमीनार के बराबर बड़े है और उनको न पहचान पाना इतना बड़ा गुनाह है कि उन्हें रोकने वाला सीधे ससपेंड हो जाना चाहिए |"
वैसे तो अधिकारी भी नेताओ को चाटुकारिता में पहुचे हुए होते है पर कुछ है जिन्हें नेता नगरी से कोई लेना देना नहीं है पर इनको ही ससपेंड करना पड़ेगा क्योंकि ये आपको पहचानेगें नहीं |
आवाज की हनक ही ऐसी है जैसे मंत्री न हुए माई -बाप हो गए | जरा चुनाव का वक़्त याद करिए मंत्री जी इन्ही की याद में आप खोये रहते थे और आज उन्ही को ससपेंड |