अफ़ग़ान शांति वार्ताओं के बारे में अफ़ग़ानिस्तान में सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि राजदूत ज़लमय खलीलज़ाद की ब्रीफ़िंग

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अफ़ग़ान शांति वार्ताओं के बारे में अफ़ग़ानिस्तान में सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि राजदूत ज़लमय खलीलज़ाद की ब्रीफ़िंग

सुश्री ऑर्टेगस: बहुत-बहुत धन्यवाद। हमसे जुड़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद। मैं माफ़ी चाहूंगी। मुझे पता है कि इस आयोजन के लिए हमने आपको बिल्कुल आख़िरी क्षणों में बताया, लेकिन आप समझ सकते हैं कि हमारे सामने शेड्यूलिंग संबंधी कई चुनौतियों हैं। और हम सुनिश्चित करना चाहते थे कि ज़लमय निश्चित तौर पर आपके बीच आएं और दोहा के कल के कार्यक्रम के बारे में कुछ जानकारी दें। देर से सूचित किए जाने के बावजूद वास्तव में बड़ी संख्या में आप हमसे जुड़े हैं, इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

मैं समझती हूं ये बेहद मार्मिक बात है कि हम आज 9/11 की सुबह इस ब्रीफ़िंग में भाग ले रहे हैं। शायद आप में से कई लोगों की तरह, मैंने भी टेलीविज़न पर स्मृति दिवस के आयोजन और नामों का उल्लेख किए जाने को देखा। और मुझे लगता है ये विदेश विभाग में हम सभी को इस बात का एहसास कराता है कि हम जो काम कर रहे हैं वह कितना गंभीर है और यह 9/11 के दिन के अमेरिकी इतिहास और हमारे भविष्य के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

अब मैं इस कॉन्फ़्रेंस कॉल से जुड़ी कुछ जानकारियां देना चाहूंगी: यह आयोजन ऑन-रिकॉर्ड है, लेकिन इससे संबंधित कोई सूचना कॉल समाप्त होने से पहले प्रसारित नहीं की जा सकती है। मुझे पता है कि आपमें से कई लोग आगे सवाल भी पूछेंगे। आपको याद दिला दूं कि आप इस समय भी 1 और फिर 0 डायल कर सवाल पूछने वालों की क़तार में शामिल हो सकते हैं। हालांकि हम विनयपूर्वक आग्रह करेंगे, क्योंकि मैं समझती हूं पहले ही करीब 70 लोग हमसे जुड़ चुके हैं, कि आपमें से अधिकतम सहयोगियों को मौक़ा मिले इसके लिए संभव हो तो कृपया एक ही सवाल पूछें और उसे संक्षिप्त रखें ताकि हम अधिक से अधिक सवाल लेने का प्रयास कर सकें, क्योंकि ज़लमय के पास सीमित समय ही है।

इसी के साथ, हमारा सौभाग्य है कि दोहा में कल शुरू हो रही अफ़ग़ानिस्तान शांति वार्ताओं पर बात करने के लिए आज फ़ोन लाइन पर हमारे साथ राजदूत खलीलज़ाद मौजूद हैं। और मैं समझती हूं आप सभी ने कल दोपहर के संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रपति की घोषणा को सुना होगा कि विदेश मंत्री पोम्पियो भी वहां जा रहे हैं। इस समय जब हम बात कर रहे हैं, वह विमान में यात्रा कर रहे हैं।

जैसा कि विदेश मंत्री ने कहा है, शीघ्र ही अफ़ग़ान प्रतिनिधि एक जगह बैठकर विचार कर रहे होंगे कि अफ़ग़ान जनता की इस मांग को कैसे पूरा किया जाए: मेल-मिलाप वाला अफ़ग़ानिस्तान जहां की सरकार देश को प्रतिबिंबित करे और जो युद्धरत नहीं हो। हम जानते हैं कि ये एक लंबी और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया का आरंभ मात्र है, लेकिन हमें खुशी है कि हम इस ऐतिहासिक अवसर तक पहुंच सके और एक समझौता करा सके जो सुनिश्चित करता है कि अमेरिका को अब कभी भी अफ़ग़ान भूमि से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों का ख़तरा नहीं होगा। मैं अब अपने प्रिय मित्र ज़लमय को अपनी बात रखने के लिए आमंत्रित करती हूं, जिन्हें सुनने के लिए निश्चय ही आप लोग अधीर हो रहे होंगे। ज़ल, कृपया अपनी बात कहें।

राजदूत खलीलज़ाद: शुक्रिया, मॉर्गन। सभी को सुप्रभात या फिर दोपहर का नमस्कार। आपके बीच उपस्थित होकर मुझे खुशी हो रही है। कल का दिन निश्चय ही, जैसा कि मॉर्गन ने कहा, अफ़ग़ानिस्तान के लिए एक अहम दिन है।

चालीस वर्षों में पहली बार तमाम अफ़ग़ान प्रतिनिधि एक साथ मिल रहे होंगे। सरकारी शिष्टमंडल, जिसमें सरकार से बाहर के लोग और चार अतिविशिष्ट महिलाएं भी शामिल हैं, सिविल सोसायटी, और राजनीतिक संगठन तालिबान के आधिकारिक शिष्टमंडल के साथ बैठकर विचार-विमर्श करेंगे और उम्मीद है कि वे अफ़ग़ानिस्तान में लंबे समय से जारी युद्ध को ख़त्म करने हेतु एक राजनीतिक रोडमैप पर सहमत हो सकेंगे। अफ़ग़ानिस्तान की जनता युद्ध समाप्त करने की मांग कर रही है। हम इसके लिए प्रयासों में उनका समर्थन करते हैं। और, कल होने वाली बैठक जोकि 29 फ़रवरी को हस्ताक्षरित अमेरिका-तालिबान समझौते के फलस्वरूप हो रही है, उसके लिए ज़रूरी क़दमों में से एक है।

उस समझौते के तीन अन्य घटक थे, जिनमें से एक है अमेरिकी सैनिकों की वापसी का एक चरणबद्ध और शर्त-आधारित टाइमटेबल; दूसरा, तालिबान की प्रतिबद्धता कि वह अल-क़ायदा समेत किसी भी आतंकवादी गुट को अपने नियंत्रण वाले इलाक़ों से अमेरिका और अमेरिका के मित्र देशों के लिए ख़तरा बनने नहीं देगा, और सरकार का हिस्सा बनने की स्थिति में भी तालिबान की यह प्रतिबद्धता जारी रहेगी; और तीसरा महत्वपूर्ण घटक था एक विस्तृत औपचारिक युद्धविराम। यह दोनों पक्षों के बीच वार्ताओं के मुद्दों में शामिल रहेगा।

उस समझौते के दिन एक घोषणा भी जारी की गई थी – अफ़ग़ान सरकार के साथ एक संयुक्त घोषणा, जिसमें अफ़ग़ान सरकार ने समझौते के उन घटकों का समर्थन किया जिनकी कि हमने अभी चर्चा की है, इसका मतलब अफ़ग़ानिस्तान, सरकारी नियंत्रण वाले इलाक़े में, और शांति स्थापना के बाद का अफ़ग़ानिस्तान अल-क़ायदा जैसे आतंकवादी संगठनों को अमेरिका और हमारे मित्र राष्ट्रों के लिए ख़तरा बनने की अनुमति नहीं देगा, और हम अफ़ग़ानिस्तान के साथ अच्छे और स्थायी संबंधों की अपेक्षा करते हैं।

हम ये भी स्पष्ट करना चाहेंगे कि ये वार्ताएं एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हैं, लेकिन समझौते तक पहुंचने की राह में कठिनाइयां और बड़ी चुनौतियां भी हैं। यह तालिबान और सरकार दोनों के लिए एक परीक्षा है। क्या मतभेदों के बावजूद वे अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य की अपनी परिकल्पनाओं के संदर्भ में किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं? यदि हमारी सहायता की आवश्यकता होती है तो हम सहायता के लिए तैयार हैं, लेकिन अफ़ग़ानिस्तान में शांति के लिए कूटनीति का यह एक नया चरण है। अब हम एक ऐसी प्रक्रिया में प्रवेश कर रहे हैं जो अफ़ग़ान-स्वामित्व और अफ़ग़ान-नेतृत्व वाली है। जब अफ़ग़ान प्रतिनिधि परस्पर मिलेंगे तो उनके बीच कोई मध्यस्थ और कोई समन्वयक नहीं होगा। वे आपस में वार्ता कर रहे होंगे। वार्ता सम्मेलन के सचिवालय के संचालन का कार्य भी दोनों पक्षों के अफ़ग़ान स्वयं करेंगे।

इसी के साथ मैं अपनी बात को विराम देता हूं और अब मैं आपके सवालों और आपकी टिप्पणियों का जवाब दूंगा। धन्यवाद।

सुश्री ऑर्टेगस: बेहतरीन, धन्यवाद। एक बार बता दूं कि 1 और 0 डायल कर सवालों की क़तार में शामिल हो सकते हैं। हैरत नहीं, कि क़तार में सबसे आगे हैं इस विषय को लंबे समय से कवर कर रही, टाइम पत्रिका की किम डोज़र।

प्रश्न: बहुत धन्यवाद। राजदूत खलीलज़ाद, क्या आप हमें बताएंगे कि अमेरिका ने ऑस्ट्रेलियाई और फ़्रांसीसी नागरिकों या सैनिकों पर घातक हमले करने के दोषी क़ैदियों को, ऑस्ट्रेलियाई और फ़्रांसीसी आपत्तियों के बावजूद, रिहा करने पर अफ़ग़ान सरकार को कैसे राज़ी किया? और कृपया तालिबान द्वारा अपहृत पूर्व नौसैनिक मार्क फ़्रेरिक्स तथा लापता अमेरिकी पॉल ओवरबी के बारे में ताज़ा जानकारी दें। धन्यवाद।

राजदूत खलीलज़ाद: धन्यवाद। तालिबान से समझौते के तहत रिहाई – या वास्तव में आदान-प्रदान – की प्रतिबद्धता थी, अफ़ग़ान जेलों में बंद 5,000 तक तालिबान बंदियों की रिहाई। अफ़ग़ानिस्तान में उस समय 13,000 से अधिक तालिबान क़ैदी थे और बदले में तालिबान अपनी क़ैद से 1,000 तक अफ़ग़ानिस्तान सरकार के बंदियों को रिहा करते। ये बात साफ है कि अफ़ग़ान सरकार द्वारा क़ैद बंदियों में कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय बलों के खिलाफ़ हिंसा की थी, लेकिन संयुक्त घोषणा में कहा गया है एक बड़े उद्देश्य, यानि शांति प्रक्रिया की शुरुआत जिसका अहम हिस्सा हैं अंतर्-अफ़ग़ान वार्ताएं, के वास्ते परस्पर विश्वास बढ़ाने वाले उपायों के रूप में कठिन फ़ैसले भी करने होंगे, और क़ैदियों की रिहाई का फ़ैसला उन्हीं कठिन फ़ैसलों में एक था.

मैं जानता हूं कि हिंसा या हमारे बलों के खिलाफ़ हमले में शामिल क़ैदियों की रिहाई को लेकर हममें से कोई भी खुश नहीं है, लेकन नाखुश रहते हुए भी हम बड़े लक्ष्य पर ध्यान देना चाहते हैं। हमें उम्मीद है कि अंतर्-अफ़ग़ान वार्ताओं की शुरुआत युद्ध की समाप्ति की ओर ले जा सकती है और फिर अफ़ग़ानिस्तान कभी भी हममें से किसी के लिए ख़तरा नहीं बनेगा। और मुझे लगता है कि यह दलील ज़बरदस्त थी, और चिंता जताने वाले किसी भी देश ने इसे ऐसा मुद्दा नहीं बनाया जिससे कि अफ़ग़ानिस्तान के साथ उऩके संबंध प्रभावित हों। वे इसे पसंद नहीं करते हैं, लेकिन साथ ही वे समझते हैं कि यह एक अफ़ग़ान निर्णय था – उन्होंने अंत में महसूस किया कि अंतर्-अफ़ग़ान वार्ताएं शुरू करने और शांति को एक मौक़ा देने के लिए यह निर्णय कठिन, परंतु आवश्यक था।

सुश्री ऑर्टेगस: बढ़िया, धन्यवाद। शुक्रिया, किम। ज़ल, आज लाइन पर कठिन सवाल करने वाले सारे लोग हैं। अगला सवाल सिरियसएक्सएम की एलीज़ लैबोट का।

राजदूत खलीलज़ाद: नमस्कार।

सुश्री ऑर्टेगस: एलीज़? एलीज़ लैबोट?

प्रश्न: आप सुन पा रहे —

सुश्री ऑर्टेगस: मिल गईं। हां, अब हम आपको सुन सकते हैं।

प्रश्न: आप मुझे सुन पा रहे हैं? अच्छा, सॉरी। आपका बहुत शुक्रिया, राजदूत महोदय। इस आयोजन के लिए आपका आभार। मैं पिछले दिनों उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह की हत्या के प्रयास के बारे में आपसे जानना चाहती हूं। और आपने देखा है कि बड़े स्तर पर किए जाने वाले हमलों में कमी के बावजूद लक्षित हत्याओं के ऐसे प्रयास बढ़े हैं। सरकार हिंसा के लिए सीधे तालिबान को नहीं भी, लेकिन उससे जुड़े हथियारबंद गुटों को दोषी मानती है, और उसका आरोप है कि हिंसा के ज़रिए वार्ताओं में दबाव बनाने के लिए तालिबान एक शीर्ष संगठन के तौर पर काम कर रहा है। मुझे खुशी होगी यदि आप इस पर प्रकाश डालेंगे और लक्षित हमलों के बारे में अपनी राय से अवगत कराएंगे। भले ही आम जनता पर बड़े हमले कम हो रहे हैं, लेकिन वे बड़ी संख्या में अधिकारियों को निशाना बना रहे हैं।

राजदूत खलीलज़ाद: हां, हमने श्री सालेह पर हमले की निंदा की है, लेकिन कई विघ्नकारी तत्व हैं जो नहीं चाहते हैं की शांति प्रक्रिया चले या आगे बढ़े, और ऐसे भी लोग हैं जिन्हें शांति समझौते के बजाय यथास्थिति पसंद है। ऐसे भी लोग हैं जो चाहते हैं कि अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान की लड़ाई में फंसा रहे। कई बुरे किरदार हैं और कुछ तो न केवल सरकार से, बल्कि तालिबों से भी लड़ रहे हैं। ऐसा ही एक गुट दाएश है जो अफ़ग़ानिस्तान में बहुत सी हिंसक घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार है, और यह गुट नहीं चाहता है कि शांति प्रक्रिया आगे बढ़े। तालिब दाएश के साथ-साथ आइसिस, अफ़ग़ान सरकार और गठबंधन बलों से भी लड़ रहे हैं।

जहां तक बात श्री सालेह पर हमले की है, तो इस समय तक हमें ये पता नहीं है कि इसके पीछे कौन है, अथवा हमलावर कोई आतंकवादी गुट है या कोई आंतरिक धड़ा। अभी कुछ कहना जल्दबाज़ी होगी। लेकिन सामन्यतया मैं कह सकता हूं कई किरदार सक्रिय हैं। यदि तालिबान और सरकार के बीच शांति स्थापित होती है, तो मैं समझता हूं अफ़ग़ानिस्तान छोटे गुटों से निपटने की दृष्टि से अधिक मज़बूत स्थिति में होगा, जोकि आज के अफ़ग़ानिस्तान की वास्तविकता से जुड़े तत्व हैं। और दो प्रमुख पक्षों के युद्धरत रहने से दाएश जैसे आतंकवादी संगठनों के लिए अवसर पैदा होते हैं। धन्यवाद।

प्रश्न: मतलब आपको नहीं लगता है कि तालिबान इन गुटों को वार्ताओं में अपना प्रभुत्व बनाने के लिए इस्तेमाल करता है? क्या आप ऐसा नहीं मानते हैं?

राजदूत खलीलज़ाद: जैसा कि मैंने कहा, उदाहरण के लिए, अफ़ग़ानिस्तान में हिंसा की बड़ी घटनाओं, जैसे प्रसूति अस्पताल पर हमला या ऐसे अन्य हमलों के लिए ज़िम्मेदार गुटों में प्रमुख है अफ़ग़ानिस्तान का आइसिस संगठन। और तालिबान अफ़ग़ानिस्तान के दाएश संगठन से लड़ने के साथ-साथ इसके विरुद्ध भी लड़ाई छेड़े हुए है। और इसलिए मैंने कहा कि हमारे पास इस हमला विशेष के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन अनेक किरदार हो सकते हैं या जो —

सुश्री ऑर्टेगस: बढ़िया। हां, ज़ल, क्या आप अब भी हमसे जुड़े हुए हैं? ऐसा लगा कि एक क्षण के लिए हमारा संपर्क टूट गया। ज़ल, क्या आप हमसे जुड़ हुए हैं? ज़ल?

मैं सवाल लेना जारी रख रही हूं और उम्मीद करती हूं कि वह हमसे जुड़ हुए हैं। पोलिटिको की लारा सेलिगमैन। पोलिटिको से लारा। क्या हम –

प्रश्न: हेलो। धन्यवाद। क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं?

सुश्री ऑर्टेगस: बढ़िया, पूछिए।

प्रश्न: हां, मैं राजदूत से पूछना चाहती हूं कि क्या वह संभावित बाइडेन प्रशासन के अधीन कुछ महीने काम करने के लिए तैयार होंगे।

(व्यवधान।)

सुश्री ऑर्टेगस: ज़ल?

राजदूत खलीलज़ाद: हां, मैं वापस जुड़ गया हूं।

सुश्री ऑर्टेगस: अच्छा। वापस जुड़ गए? आप हमें सुन पा रहे हैं?

राजदूत खलीलज़ाद: हां।

सुश्री ऑर्टेगस: ठीक है। आपके लिए पोलिटिको की लारा सेलिगमैन का सवाल है। लारा क्या आप दोबारा पूछना चाहेंगी?

प्रश्न: हां, ज़रूर। मैं यह पूछना चाहती थी कि राजदूत कुछ महीने और काम करना चाहेंगे, यदि राष्ट्रपति पद पर बदलाव होता है, यदि बाइडेन प्रशासन सत्ता में आता है।

राजदूत खलीलज़ाद: इस पर प्रतिक्रिया देना जल्दबाज़ी होगी। मेरा मानना है कि हमारे पास अभी भी कुछ महीने हैं। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि वार्ताओं में कुछ प्रगति होगी, लेकिन चुनावों के बाद निर्णय लिए जाने की ज़रूरत होगी कि आगे क्या होता है। लेकिन मैं कम से कम चुनावों तक कार्यरत रहने के लिए प्रतिबद्ध हूं।

सुश्री ऑर्टेगस: अच्छा, बढ़िया। मैं माफ़ी चाहूंगी यदि आपके नाम का सही उच्चारण नहीं कर पाऊं, तो हमारे साथ अब हैं मुअत अलअमरी।

प्रश्न: हां, मुअत अलअमरी, कोई बात नहीं। राजदूत और बाकियों को मेरा सुप्रभात। मेरा एक सवाल है। तालिबान के साथ हुए समझौते के अनुसार अमेरिका तालिबान सदस्यों पर लगे प्रतिबंधों में से कुछ को हटाएगा। और अब, क्या आपको लगता है कि ये उन प्रतिबंधों को हटाने का समय है? और मैं चाहूंगा कि आप अफ़ग़ान सरकार और तालिबान के साथ समझौतों के दौरान आई चुनौतियों पर भी थोड़ा प्रकाश डाल सकें। धन्यवाद।

राजदूत खलीलज़ाद: ऐसा है कि समझौते से जुड़ी विशेष टाइमलाइन भी है जिसके अनुसार तालिबान पर लगे प्रतिबंधों पर पुनर्विचार होगा, और ये अंतर्-अफ़ग़ान वार्ताएं शुरू होने के बाद हो सकता है। हम समझौते के प्रावधानों को लेकर प्रतिबद्ध हैं, और समझौते में इस बारे में भी शर्तें हैं जोकि अंतर्-अफ़ग़ान वार्ताओं की शुरुआत के बाद लागू होती हैं। और जहां तक इस चरण तक पहुंचने में आई चुनौतियों की बात है तो सबसे बड़ी चुनौती जिससे अंतत: पार पा लिया गया निश्चय ही क़ैदियों को लेकर थी। और भी चुनौतियां थीं, लेकिन मैं कहूंगा कि क़ैदियों की रिहाई सबसे प्रमुख चुनौती थी।

सुश्री ऑर्टेगस: ओके, धन्यवाद। मैं समझती हूं क़तार में अगले व्यक्ति पीटर लोवी हैं। पीटर लोवी।

प्रश्न: हां, क्या आप हमें सुन पा रहे हैं?

सुश्री ऑर्टेगस: हम आपको सुन सकते हैं।

राजदूत खलीलज़ाद: हां।

प्रश्न: बढ़िया, धन्यवाद राजदूत महोदय। मैं वार्ताओं में सैनिकों की तैनाती में कटौती की भूमिका के बारे में जानना चाहूंगा और ये कि हमें कब तक इस बारे में घोषणा सुनने को मिलेगी।

राजदूत खलीलज़ाद: जैसा कि मैं पहले बता चुका हूं, तालिबान के साथ समझौते और सरकार के साथ संयुक्त घोषणा में शर्त-आधारित चरणबद्ध कटौती या हमारे सैन्य बलों की वापसी की बात है – और इसमें सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि गठबंधन और नैटो राष्ट्र भी शामिल हैं – और इस समय हमलोग दूसरे चरण में हैं। पहले चरण में हम 8,600 की संख्या पर आ गए। दूसरे चरण में, हम मध्य-अक्तूबर से मध्य-नवंबर की समयावधि में करीब 4,500 के स्तर पर आ जाएंगे, और हम इस समय उस चरण में हैं। धन्यवाद।

सुश्री ऑर्टेगस: ठीक है। क़तार में अगले व्यक्ति वॉयस ऑफ़ अमेरिका से हैं। मीरवाइस रहमानी।

प्रश्न: हां, मीरवाइस रहमानी।

सुश्री ऑर्टेगस: पूछिए।

प्रश्न: आप मुझे सुन पा रहे हैं?

राजदूत खलीलज़ाद: हां।

सुश्री ऑर्टेगस: हम आपको सुन सकते हैं।

प्रश्न: हां, धन्यवाद, राजदूत खलीलज़ाद इस कॉल के लिए। मेरा सवाल अफ़ग़ानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों को लेकर है। जैसा कि आपको मालूम है इन अधिकारों के संरक्षण के बारे में तालिबान अपने बयानों और टिप्पणियों में अस्पष्ट रहा है, और अमेरिका भी शांति वार्ताओं के दौरान इन अधिकारों के संरक्षण को लेकर उतना मुखर नहीं रहा है। इसलिए मेरा सवाल है: क्या इन शांति वार्ताओं के दौरान अफ़ग़ानिस्तान में महिला अधिकारों को संरक्षित रखा जाएगा?

मेरा दूसरा सवाल है: तालिबान ने आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध तोड़ने को लेकर क्या गारंटी दिए हैं? धन्यवाद।

राजदूत खलीलज़ाद: धन्यवाद। महिला अधिकारों पर कहना चाहूंगा कि हम स्पष्ट रूप से महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करते हैं। आतंकवाद के बाद हमारे लिए यह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है, और हम बातचीत में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं। और जैसा कि मैंने कहा, चार महिलाएं सरकार की वार्ता टीम में शामिल हैं। मैं उनसे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तत्परता दिखाने की उम्मीद करता हूं। अफ़ग़ानिस्तान का भविष्य स्पष्ट रूप से स्वयं अफ़ग़ानों को तय करना है, लेकिन हम एक ऐसा अफ़ग़ानिस्तान देखना चाहेंगे जो संप्रभु हो, जो एकीकृत हो, जो लोकतांत्रिक हो। और अमेरिका अपनी नीतियों या अफ़ग़ानिस्तान के साथ अपने संबंधों को अफ़ग़ानिस्तान द्वारा तय नीतियों, उसके किए समझौतों, और उन समझौतों के कार्यान्वयन के आधार पर तय करेगा।

आतंकवाद के संबंध में तालिबान की प्रतिबद्धताओं से संबंधित आपके दूसरे प्रश्न पर मैं कहूंगा कि उन्होंने वो प्रतिबद्धताएं की हैं और हमारे द्वारा उठाए जाने वाले क़दम उनसे जुड़े हुए हैं, सैन्य बलों में और कमी उनके अपनी प्रतिबद्धताओं के पालन से जुड़ी हुई है। और एक प्रमुख प्रतिबद्धता – जो बहुत महत्वपूर्ण है ख़ासकर जब हम 9/11 की बरसी के मौक़े पर उसकी बात कर रहे हैं – मैं ख़ुद व्हाइट हाउस में मौजूद था, सिचुएशन रूम में हुई एक बैठक में, जब 9/11 के हमलों की वास्तविकता हमारे सामने थी; हमारे देश पर और व्यक्तिगत रूप से मुझ पर, और उसके बाद से मैंने जो कुछ किया है उसकी दिशा पर उसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। और इसलिए, हम नहीं चाहते कि अफग़ानिस्तान अब कभी भी अमेरिका को ख़तरे में डालने का एक मंच बने, जिसका कि उस भयावह दिन हमें सामना करना पड़ा था।

इसलिए यह स्पष्ट रूप से हमारे लिए सबसे गंभीर मुद्दा है। हम आवश्यकता के अनुरूप कार्रवाई करेंगे ताकि जिस उद्देश्य का मैंने वर्णन किया है उसे हासिल किया जा सके और उसे क़ायम रखा जा सके। धन्यवाद।

सुश्री ऑर्टेगस: धन्यवाद। तो दुर्भाग्य से अब हम अपना आख़िरी सवाल लेंगे। माफ़ी चाहूंगी, लेकिन मुझे ज़लमय को एक कॉल में शामिल करना है जो 11 बजे शुरू होगा, जिसके लिए शायद उन्हें देर हो जाएगी। इसलिए अंतिम सवाल, डेली बीस्ट के स्पेंसर एकरमैन का।

प्रश्न: नमस्कार। इस आयोजन के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया। जब आप इस प्रक्रिया को पूर्णतया अफ़ग़ान अगुआई वाली – बिना मध्यस्थ, बिना समन्वयक वाली बताते हैं, और वे हमसे बात कर रहे होंगे – क्या आप इस पर थोड़ा प्रकाश डालेंगे कि इस चरण में आख़िर अमेरिका की क्या भूमिका होगी, और अफ़ग़ानों ने, मेरा मतलब अफ़ग़ान सरकार ने, आपको इस बारे में कुछ बताया है कि इस चरण में वे अमेरिका की कैसी भूमिका देखना या नहीं देखना चाहते हैं?

राजदूत खलीलज़ाद: ऐसा है कि जब भी हमारी ज़रूरत होगी, हम मदद के लिए तैयार रहेंगे। स्पष्ट है कि हम नज़र रख रहे होंगे; हम सभी पक्षों से संपर्क में होंगे। और हम इस मामले बहुत अच्छे हैं – स्पष्टतया, ये हमारे तुलनात्मक लाभों में से एक है। हम समझते हैं कि यदि इच्छा हो तो सभी समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है। यदि संतुलनकारी फ़ार्मूले की आवश्यकता होती है, तो हमें उस बारे में सोचना होगा। हम विचार करेंगे; हम मदद करेंगे।

लेकिन यह एक अफ़ग़ान-नेतृत्व, अफ़ग़ान-स्वामित्व वाली प्रक्रिया है, और अगर उन्हें हमारी मदद की जरूरत नहीं है, तो कोई बात नहीं। यह उत्साहजनक होगा, लेकिन यह महत्वपूर्ण है। यह स्पष्ट रूप से अफ़ग़ानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है। यह इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है; यह दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है। यह अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए हम तैयार हैं – हम मदद करने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह प्रक्रिया अफ़ग़ानों के परस्पर बात करने के साथ शुरू होती है, और कल उद्घाटन समारोह के बाद दोनों टीमें यह तय करने के लिए मिलेंगी कि वे कैसे आगे बढ़ें। ऐसा ही होना चाहिए था, और उम्मीद है कि यह प्रक्रिया इसी के अनुरूप चलेगी। धन्यवाद।

सुश्री ऑर्टेगस: अच्छा, आप सभी का धन्यवाद। एक बार फिर अंतिम क्षणों में इस आयोजन की जानकारी देने के लिए माफ़ी चाहूंगी लेकिन मुझे बेहद खुशी है कि आप इतनी बड़ी संख्या में इसमें शामिल हो सके, और हम शीघ्र ही आपसे दोबारा संपर्क करेंगे। और आपके सवालों और हमें अपना समय देने के लिए धन्यवाद। अलविदा।

Tags:    Afghanistaanpeace
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