सत्ता छोड़ने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिए चीन को गहरे जख्म
। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार की वजह से वाइट हाउस छोड़ना पड़ रहा है। तथा 7 हफ्तों बाद बाइडन अमेरिका की राजगद्दी संभालेंगे। अमेरिकी...
। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार की वजह से वाइट हाउस छोड़ना पड़ रहा है। तथा 7 हफ्तों बाद बाइडन अमेरिका की राजगद्दी संभालेंगे। अमेरिकी...
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चुनाव में हार की वजह से वाइट हाउस छोड़ना पड़ रहा है। तथा 7 हफ्तों बाद बाइडन अमेरिका की राजगद्दी संभालेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रे जाते-जाते चीन को कई सारे गहरे जख्म दे दिए हैं ।कई ऐसे मुद्दों पर ट्रंप ने फैसला लिया है जिन से चीन को हमेशा भुगतान करना पड़ेगा। आपको बता दें कि पूरे कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने हमेशा चीन के प्रति कड़वाहट अपने मन में रखी है। तथा इस वैश्विक महामारी के बाद ट्रंप का गुस्सा और बढ़ गया है। जिसके बाद उन्होंने व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले चाइनीस कम्युनिटी पार्टी के लिए सभी सदस्यों का ट्रेवल वीजा रद्द कर दिया है।
वहीं सेना से संबंध रखने वाली कंपनी से कॉटन आयात को भी बंधुआ मजदूरी का आरोप लगाकर बंद करवा दिया है।
इतना ही नहीं डोनाल्ड ट्रंप यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के जरिए चाइनीज कंपनियों को अमेरिकी एक्सचेंज से बाहर भी निकलवा सकता है, जिससे चाइना को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
यूनिवर्सिटी ऑफ चाइन के अमेरिकन स्टडीज के डायरेक्टर वह चाइनीस सलाहकार रेनमिन ने कहा कि "ट्रंप द्वारा उठाए गए चाइना के लिए कदम जो बाईडन के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकता है।" साथ ही उन्होंने कहां गई बाईडन द्वारा इन कदमों को या तो स्थिति को सामान बनाने के लिए प्रयोग किया जाएगा या फिर चीन के हाथ बांधने के लिए।
इससे पहले ही एक पत्रिका संवाद के दौरान नवनियुक्त राष्ट्रपति ने अपने संवाद में कहा था कि "मैं चीन के खिलाफ कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने सहयोगियों से राय मशवरा जरूर करूंगा"
जिसमें दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच काम को लेकर बात होगी।
परंतु अभी 7 हफ्ते और है जिसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भी निर्णय चीन के खिलाफ ले सकते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिए गए निर्णय जिसमें वह चाइनीस कंपनियों को अमेरिकी एक्सचेंज से बाहर कर रहे हैं । यह सुनने के बाद चाइनीस कंपनियों की हवाई उड़ गई है, तथा चाइनीस कम्युनिस्ट पार्टी का वीजा रद्द करने के बाद सभी में अफरा-तफरी का माहौल है। जिसके बाद लोग उम्मीद लगा रहे हैं कि नवनियुक्त अमेरिकी राष्ट्रपति या तो चीन के साथ स्थिति सामान्य करने के लिए इस बिल का प्रयोग करेंगे या फिर चीन के हाथ बनने के लिए।
अब देखना यह है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की या कड़वाहट चीन को किस तरह से भारी पड़ती है।
नेहा शाह