ब्रिटेन की संसद में उठा किसानों के आंदोलन का मुद्दा...

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ब्रिटेन की संसद में उठा किसानों के आंदोलन का मुद्दा...
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कृषि बिलों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच, 8 मार्च को ब्रिटेन की संसद में इस पर चर्चा हुई। चर्चा में 18 ब्रिटिश सांसदों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 17 ने भारत को लोकतंत्र पर हमला किया। लेबर पार्टी ने इस चर्चा की मांग की थी और हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिस पर 1 लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। भारत की ओर से इस तरह की बहस पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।

लंदन में मौजूद भारतीय हाईकमीशन ने बयान दिया है कि ये सिर्फ एक गलत तथ्यों पर आधारित और एकतरफा बहस ही थी। भारतीय हाईकमीशन द्वारा बयान में कहा गया कि ब्रिटिश संसद में बिना तथ्यों के गलत आरोपों के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के विषय में चर्चा की गई, जो निंदनीय है। वहीं, ब्रिटिश सरकार में मंत्री नाइजल एडम्स का कहना है कि ये भारत का घरेलू मामला है।

बता दें की ब्रिटिश संसद कैंपस में 90 मिनट भारत में 'किसानों की सुरक्षा' और 'प्रेस की स्वतंत्रता' पर चर्चा के लिए रखे गए थे। स्कॉटिशन नेशनल पार्टी के मार्टिन डे ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा, "ब्रिटिश सरकार पहले ही साफ़ कर चुकी है कि कृषि सुधार भारत सरकार का फ़ैसला है इसलिए कृषि सुधार पर हम चर्चा नहीं कर रहे हैं। हम चर्चा प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा को लेकर कर रहे हैं।"

इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था, "हम इस बात पर ज़ोर देना चाहेंगे कि इन विरोधों को भारत के लोकतांत्रिक विचार, राजनीति और गतिरोध को हल करने के लिए सरकार और संबंधित किसान समूहों के प्रयास के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।"

अराधना मौर्या

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